
मुंबई/बलरामपुर: धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग से जुड़े मामलों में फंसे जलालुद्दीन उर्फ ‘छांगुर’ पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। जांच एजेंसी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश और मुंबई में स्थित कुल 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की, जिनमें से 12 यूपी में और 2 मुंबई में हैं।
ईडी की इस कार्रवाई ने छांगुर नेटवर्क की अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की परतें खोलनी शुरू कर दी हैं।
2 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन, बांद्रा-माहिम में ED की दबिश
जांच एजेंसी के मुताबिक, छांगुर के सहयोगी नवीन के बैंक अकाउंट से शहजाद शेख नामक व्यक्ति के खाते में करीब दो करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इसके बाद ईडी ने मुंबई के बांद्रा और माहिम इलाके में स्थित रिजवी हाइट्स में शेख के दोनों फ्लैट्स पर छापे मारे।
बांद्रा में शहजाद शेख से लंबी पूछताछ भी की गई है। जांच के दायरे में अब उसके वित्तीय स्रोत, सम्पत्ति और अंतरराष्ट्रीय संपर्क शामिल हैं।
विदेशी फंडिंग का खुलासा: 68 करोड़ की रकम का सुराग
ईडी सूत्रों के अनुसार, छांगुर और उसके नेटवर्क से जुड़े 18 बैंक खातों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें अब तक लगभग 68 करोड़ रुपये की रकम के लेन-देन का खुलासा हुआ है।
केवल पिछले तीन महीनों में 7 करोड़ रुपये इन खातों में जमा किए गए हैं। एजेंसी को शक है कि ये रकम धर्मांतरण और कट्टरता फैलाने वाली गतिविधियों में इस्तेमाल की जा रही थी। फिलहाल कई अन्य खातों की भी जांच की जा रही है।
बाबा की प्रॉपर्टी, टैक्स रिटर्न और अकाउंट्स की जांच
ईडी फिलहाल आरोपी बाबा की जायदाद, इनकम टैक्स रिटर्न, विदेशी ट्रांजैक्शन और अन्य दस्तावेजों को खंगाल रही है। एजेंसी के अनुसार, जल्द ही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत बड़ी जब्ती और गिरफ्तारी की संभावना है।
कोडवर्ड के ज़रिए ‘काला खेल’, खुद कबूले छांगुर ने STF से
इस केस में एक सनसनीखेज मोड़ तब आया जब यूपी एसटीएफ की पूछताछ में छांगुर ने खुद यह स्वीकार किया कि वह अपने नेटवर्क से संपर्क करने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था।
उसने बताया कि—
- “प्रोजेक्ट” का मतलब होता था लड़कियां,
- “मिट्टी पलटना” से तात्पर्य था धर्मांतरण,
- “काजल लगाना” का अर्थ था मनोवैज्ञानिक नियंत्रण,
- और “दर्शन” का मतलब था पीड़ितों को कथित बाबा से मिलाना।
छांगुर ने यह भी स्वीकार किया कि उसका गिरोह बेरोजगार युवकों और युवतियों को विदेश यात्रा, छात्रवृत्ति और नौकरी के झूठे सपने दिखाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था।
क्या है अगला कदम?
सूत्रों की मानें तो ईडी जल्द ही इस नेटवर्क के कुछ और प्रमुख चेहरों पर हाथ डाल सकती है। धर्मांतरण, विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (FCRA), और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में बड़ा एक्शन हो सकता है।
बलरामपुर से मुंबई तक फैले इस कथित धर्मांतरण रैकेट की जांच अब अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और कट्टरपंथी नेटवर्क की दिशा में बढ़ रही है। ईडी की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि देशविरोधी गतिविधियों में धन का प्रवाह अब सिर्फ देश के भीतर नहीं, बल्कि विदेशों से भी हो रहा है — और इसके खिलाफ कार्रवाई अब तेज और निर्णायक होने जा रही है।