
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीम ने बघेल के रायपुर स्थित आवास सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है।
ईडी की इस कार्रवाई के पीछे राज्य में हुए शराब घोटाला और महादेव सट्टेबाजी ऐप स्कैम से जुड़ी जांच बताई जा रही है। दोनों मामलों में पहले से ही बघेल के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है।
शराब घोटाले में 2100 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप
ईडी की जांच के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच हुए छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में तीन चरणों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ।
- Part A: शराब की खरीद में डिस्टिलरियों से कमीशन लिया गया।
- Part B: बिना रिकॉर्ड के कच्ची देशी शराब बेची गई, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हुआ।
- Part C: डिस्टिलर्स से रिश्वत लेकर उन्हें बाजार में हिस्सेदारी तय करने का मौका दिया गया।
ईडी का दावा है कि इस घोटाले से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ, जबकि शामिल सिंडिकेट ने 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई की। कई आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में भी बघेल पर शिकंजा
महादेव सट्टा ऐप घोटाला में भी पूर्व सीएम बघेल को सीबीआई ने एफआईआर में छठे आरोपी के रूप में नामजद किया है। आरोप है कि बघेल इस घोटाले से लाभ उठाने वालों में शामिल थे। सीबीआई का कहना है कि बघेल को ऐप सिंडिकेट से आर्थिक लाभ मिला था।
5000 करोड़ से अधिक के घोटाले में नामजद आरोपी
छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में 5000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर आधारित है। बघेल को इसमें 19 नामजद आरोपियों में छठे स्थान पर रखा गया है।
भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया का इंतजार
ईडी की कार्रवाई पर भूपेश बघेल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि कांग्रेस पार्टी पहले ही इन मामलों को राजनीतिक प्रतिशोध बता चुकी है।



