
मुंबई: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की उड़ान एआई171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एयरलाइन ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। अब तक हादसे से प्रभावित करीब दो-तिहाई परिवारों को अंतरिम मुआवजा दिया जा चुका है या उनका भुगतान प्रक्रिया के अंतिम चरण में है।
सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने दी जानकारी
एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने एयरलाइन के कर्मचारियों को लिखे एक आंतरिक पत्र में कहा कि,
“हमारी टीमें पीड़ित परिवारों से सीधे संपर्क कर रही हैं और अंतरिम मुआवजा सुनिश्चित किया जा रहा है। दो-तिहाई से अधिक परिवारों को या तो भुगतान मिल चुका है या वे अंतिम प्रक्रिया में हैं।”
260 लोगों की गई थी जान, अब तक की सबसे बड़ी हवाई त्रासदी में शामिल
गौरतलब है कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, टेकऑफ के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई थी। साथ ही, ज़मीन पर मौजूद 19 लोगों की भी जान चली गई थी। यह दुर्घटना भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास की सबसे भीषण घटनाओं में से एक मानी जा रही है।
टाटा समूह की दीर्घकालिक सहायता की योजना
एयर इंडिया की मूल कंपनी टाटा संस ने हादसे के तुरंत बाद घोषणा की थी कि प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ₹25 लाख की अंतरिम सहायता भी तत्काल वितरित की जा रही है ताकि प्रभावित परिवारों की तत्काल वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
टाटा समूह ने संकेत दिया है कि वह पीड़ितों और जीवित बचे लोगों को दीर्घकालिक पुनर्वास और सहायता देने के लिए एक विशेष तंत्र भी विकसित कर रहा है। इस प्रयास को “न केवल आर्थिक सहयोग बल्कि नैतिक समर्थन का उदाहरण” माना जा रहा है।
एयर इंडिया कर रही मानकों का पुनर्मूल्यांकन
कैम्पबेल विल्सन ने यह भी कहा कि एयरलाइन अब विमानों, सेवाओं, सुरक्षा प्रणालियों और कर्मचारियों की क्षमताओं के उन्नयन पर ज़ोर दे रही है। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि एयर इंडिया यात्री सुरक्षा और भरोसे को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
बताते चलें कि 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद ही विमान के इंजन में तकनीकी गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। हादसे की जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट जल्द जारी हो सकती है।