उत्तराखंडफीचर्ड

धामी सरकार ने खोली दायित्वों की पोटली, अल्पसंख्यक आयोग को मिले नए सदस्य

लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में 7 पदों पर हुई नियुक्ति, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की नियुक्ति जल्द

खबर को सुने

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग में लंबे समय से खाली चल रहे सदस्यों के पदों पर दायित्व बांट दिए हैं। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आयोग के सात सदस्य पदों पर नामांकन किया गया है, जिससे वर्षों से ठप पड़ी अल्पसंख्यकों की समस्याओं पर चर्चा और समाधान की प्रक्रिया को गति मिलेगी।

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव धीराज सिंह द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि नए नियुक्त सदस्यों का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्षों तक का होगा।

कौन-कौन बने नए सदस्य?
समुदाय नाम स्थान
मुस्लिम (महिला) फरजाना बेगम
सिख जगजीत सिंह ‘जग्गा’ उधम सिंह नगर
सिख गगनदीप सिंह बेदी ऋषिकेश
जैन सुरेंद्र जैन उधम सिंह नगर
बौद्ध येशी थूपतन नैनीताल
मुस्लिम नफीस अहमद देहरादून
मुस्लिम शकील अंसारी चंपावत

इन सदस्यों का चयन विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों से संतुलन बनाकर किया गया है, जिससे आयोग में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में अध्यक्ष और दोनों उपाध्यक्षों के पद अब भी खाली हैं।

  • 23 दिसंबर 2023 से अध्यक्ष पद

  • 9 मार्च 2024 से एक उपाध्यक्ष

  • 29 अगस्त 2024 से दूसरा उपाध्यक्ष

तभी से आयोग की नियमित बैठकें और निर्णय प्रक्रिया रुकी हुई थी।
28 अगस्त 2024 के बाद से किसी भी बैठक का आयोजन नहीं हो सका, जिससे आयोग की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई।

अब जबकि सदस्यों की नियुक्ति हो चुकी है, सरकार जल्द ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पदों पर भी दायित्व सौंप सकती है।

सूत्रों के अनुसार, यदि अध्यक्ष की नियुक्ति में और विलंब होता है, तो सरकार फिलहाल किसी एक सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाकर आयोग की बैठकों को आरंभ कर सकती है, ताकि लंबित मामलों पर निर्णय लिए जा सकें।

उत्तराखंड के अल्पसंख्यक समुदायों को अब उम्मीद है कि:

  • शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।

  • जिला स्तर पर शिकायतों की सुनवाई को प्राथमिकता दी जाएगी।

  • आयोग नीतिगत सुझावों के माध्यम से शासन और अल्पसंख्यकों के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य करेगा।

इस नई नियुक्ति से अल्पसंख्यकों की आवाज एक बार फिर शासन स्तर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अब सभी की नजरें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्तियों पर टिकी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button