
नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए भयावह विमान हादसे ने पूरे दक्षिण एशिया को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार, 21 जुलाई को बांग्लादेशी वायुसेना का एक ट्रेनर फाइटर जेट माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 25 मासूम बच्चे शामिल हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हैं।
हादसे के तुरंत बाद भारत ने मानवीय सहायता के तहत बांग्लादेश को चिकित्सीय मदद देने का फैसला किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि घायलों के इलाज के लिए बर्न-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और प्रशिक्षित नर्सों की एक विशेष मेडिकल टीम जल्द ही ढाका रवाना की जाएगी।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “भारत, बांग्लादेश के साथ इस दुख की घड़ी में पूरी एकजुटता से खड़ा है। एक मेडिकल टीम, जिसमें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल के विशेषज्ञ शामिल हैं, ढाका पहुंचकर घायलों की स्थिति का आकलन करेगी और जरूरत पड़ने पर भारत में इलाज की भी व्यवस्था की जाएगी।”
इस टीम में शामिल बर्न-स्पेशलिस्ट डॉक्टर विशेष रूप से आग से झुलसे लोगों के इलाज में दक्ष हैं और उनकी तैनाती ढाका के अस्पतालों में घायलों की तीव्र चिकित्सा आवश्यकताओं को देखते हुए की जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, हरसंभव मदद का भरोसा
घटना के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “ढाका में हुए दुखद हवाई हादसे में कई मासूम छात्रों की जानें गईं। यह समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। हम पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। भारत इस कठिन समय में बांग्लादेश के साथ खड़ा है और हरसंभव मदद के लिए तैयार है।”
क्रैश की भयावहता के दृश्य वायरल
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा बेहद भयावह था। विमान माइलस्टोन स्कूल की इमारत से टकराया और उसमें आग लग गई। हादसे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें स्कूल परिसर में मची अफरा-तफरी और धुएं के गुबार साफ नजर आते हैं।
सरकारी स्तर पर जांच शुरू, भारत-बांग्लादेश सहयोग की मिसाल
बांग्लादेश सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं, भारत द्वारा उठाया गया यह मानवीय कदम दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों और संकट की घड़ी में साथ खड़े होने की भावना को दर्शाता है।