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कुंभ मेला 2027 की तैयारियों पर अहम बैठक, मुख्य सचिव बोले – “दिव्य और भव्य आयोजन के लिए सभी का सहयोग जरूरी”

जनप्रतिनिधियों, गंगा सभा, व्यापार मंडलों और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों से लिए गए सुझाव, प्रशासन ने दिए भरोसे – "हर सुझाव पर होगी कार्रवाई"

हरिद्वार, 12 सितंबर 2025 | नेशनल डेस्क 2027 में आयोजित होने जा रहे कुंभ मेला को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। उत्तराखंड सरकार इसे “दिव्य और भव्य” स्वरूप में आयोजित करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सीसीआर सभागार, हरिद्वार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जनप्रतिनिधि, श्री गंगा सभा, व्यापार मंडल, प्रेस क्लब, होटल एसोसिएशन, धर्मशाला समिति और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में कुंभ मेला 2027 के सफल और सुव्यवस्थित आयोजन के लिए सभी पक्षों से सुझाव लिए गए। मुख्य सचिव ने कहा कि इस महाआयोजन की भव्यता और सफलता के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग अनिवार्य है।


मुख्य सचिव ने कहा – “सभी का सहयोग ही आयोजन की सफलता की कुंजी”

मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बैठक की शुरुआत में सभी जनप्रतिनिधियों और संस्थाओं के पदाधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा:

“कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इसे सुव्यवस्थित और दिव्य स्वरूप में संपन्न कराना उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सभी पक्षों का सहयोग जरूरी है। हर संस्था, हर संगठन और हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी से ही हम इस आयोजन को सफल बना सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि पिछले कुंभ मेलों में भी समाज के हर वर्ग का सहयोग मिला है और इसी परंपरा को 2027 में और अधिक व्यापक रूप से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।


सभी सुझावों को शामिल करने का भरोसा

मुख्य सचिव ने बैठक में आश्वस्त किया कि जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं और संगठनों की ओर से आए सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा।

  • मेला अधिकारी और जिला अधिकारी इन सुझावों को शामिल करेंगे।
  • संबंधित विभागों को निर्देशित किया जाएगा कि वे सुझाए गए बिंदुओं पर तत्परता से कार्यवाही करें।
  • हर सुझाव का उद्देश्य एक ही है – मेला क्षेत्र में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना।

बैठक में रहे मौजूद प्रमुख प्रतिनिधि और अधिकारी

बैठक में प्रशासनिक और सामाजिक संगठनों के कई महत्वपूर्ण प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें प्रमुख थे:

  • महापौर – किरण जैसल
  • मेलाधिकारी – सोनिका
  • जिलाधिकारी – मयूर दीक्षित
  • वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक – प्रमेंद्र सिंह डोभाल
  • उपाध्यक्ष HRDA – अंशुल सिंह
  • जिलाध्यक्ष भाजपा – आशुतोष शर्मा
  • श्री गंगा सभा अध्यक्ष – नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ
  • DFO – स्वप्निल अनिरुद्ध
  • मुख्य चिकित्सा अधिकारी – डॉ. आर.के. सिंह
  • SP क्राइम – जितेंद्र मेहरा
  • SP सिटी – पंकज गैरोला
  • अपर मेलाधिकारी – दयानंद सरस्वती
  • सचिव HRDA – मनीष सिंह
  • उपजिलाधिकारी – जितेंद्र कुमार
  • सिटी मजिस्ट्रेट – कुश्म चौहान
  • होटल एसोसिएशन सेक्रेटरी – अमित चौहान
  • धर्मशाला समिति अध्यक्ष – महेश गौड़
  • प्रेस क्लब अध्यक्ष – धर्मेंद्र चौधरी, महामंत्री दीपक मिश्रा
  • प्रदेश उपाध्यक्ष राज्य व्यापार मंडल – तेज प्रकाश साहू
  • जिला महामंत्री व्यापार मंडल – संजय त्रिवाल
  • महानगर व्यापार मंडल अध्यक्ष – सुनील सेठी

इसके अलावा विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि और अधिकारी भी मौजूद रहे।


कुंभ मेला 2027 क्यों है खास?

हरिद्वार का कुंभ मेला केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

  • अनुमान है कि 2027 में होने वाले इस आयोजन में 15 से 20 करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच सकते हैं।
  • इससे राज्य की अर्थव्यवस्था, पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
  • केंद्र और राज्य सरकार ने इसे “ग्लोबल लेवल पर भारत की संस्कृति की पहचान” के रूप में पेश करने की योजना बनाई है।

चुनौतियां और तैयारी

कुंभ मेला जैसे आयोजन के लिए कई बड़ी चुनौतियां भी सामने हैं:

  • यातायात प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था
  • स्वच्छता, जल आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाएं
  • श्रद्धालुओं के लिए आवास और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था
  • डिजिटल टेक्नोलॉजी और स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल

मुख्य सचिव ने कहा कि इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशासन अभी से योजना और क्रियान्वयन की दिशा में काम कर रहा है।

हरिद्वार में हुई यह बैठक स्पष्ट संकेत देती है कि कुंभ मेला 2027 को लेकर सरकार और समाज दोनों ही पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं। मुख्य सचिव आनंद वर्धन का यह बयान कि “दिव्य और भव्य कुंभ के लिए सभी का सहयोग जरूरी है” इस आयोजन की सफलता का मूल मंत्र है।

जनप्रतिनिधियों और संस्थाओं से मिले सुझावों पर अमल करने का भरोसा श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों दोनों के लिए सकारात्मक संदेश देता है। यह निश्चित है कि आने वाले दो वर्षों में हरिद्वार की तस्वीर बदलने वाली तैयारियां देखने को मिलेंगी और 2027 का कुंभ मेला उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का प्रतीक बनेगा।

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