
देहरादून, 10 नवंबर 2025: देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल ने सोमवार को आयोजित अपने साप्ताहिक जनदर्शन कार्यक्रम में एक बार फिर सुशासन और जनसुनवाई की नई मिसाल पेश की। ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित इस जनदर्शन में कुल 184 जन शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से अधिकांश का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि “जन समस्याओं को केवल सुना न जाए, बल्कि प्राथमिकता पर समाधान सुनिश्चित किया जाए।”
अनाथ जुड़वा भाई-बहन को मिला जीवन का सहारा
जनदर्शन का सबसे भावनात्मक क्षण उस समय आया जब रायवाला निवासी जुड़वा भाई-बहन अक्षर और वैभव की समस्या सामने आई। दोनों बच्चे माता-पिता की मृत्यु के बाद सौतेली मां के धोखे से अनाथ हो गए थे। ग्राम प्रधान ने बताया कि सौतेली मां बच्चों के पिता की पेंशन और संपत्ति अपने नाम कर फरार हो गई है।
इस पर डीएम बंसल ने तत्काल एडीएम को पिता की संपत्ति बच्चों के नाम कराने के निर्देश दिए। साथ ही डीपीओ को बच्चों को वात्सल्य या स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ने के आदेश दिए ताकि उनकी पढ़ाई और परवरिश प्रभावित न हो।
गंभीर रोग से पीड़ित बच्चे का निःशुल्क इलाज
बिहार निवासी सुधा देवी, जिनका दो वर्षीय पुत्र गंभीर बीमारी से ग्रसित है, ने आर्थिक सहायता की गुहार लगाई। डीएम ने तुरंत मुख्य चिकित्साधिकारी को बच्चे के इलाज की जिम्मेदारी लेने के निर्देश दिए और एसडीएम मुख्यालय को केस की मॉनिटरिंग करने को कहा।
कुछ ही देर में बच्चे को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, और यदि आवश्यकता हुई तो इलाज निजी चिकित्सालय में भी कराया जाएगा—यह डीएम का आश्वासन था।
कैंसर पीड़िता रेनू को आर्थिक सहायता
किशनपुर राजपुर निवासी रेनू, जो कैंसर से जूझ रही हैं, ने सहायता की मांग की। जिलाधिकारी ने उन्हें राइफल फंड से तत्काल आर्थिक सहायता देने और मुख्यमंत्री राहत कोष से अतिरिक्त सहायता के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
शिक्षा और ऋण राहत में मानवीय निर्णय
प्रेमनगर निवासी उमा देवी ने बताया कि ऋण के बोझ के कारण उनके बेटे को स्कूल से निकाल दिया गया है। डीएम ने एलडीएम से ऋण संबंधी रिपोर्ट मांगी और बेटे दीपेश को स्कूल में दाखिला दिलाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए, साथ ही रिपोर्ट अगले दिन तक प्रस्तुत करने को कहा।
इसी तरह, मेहूवाला निवासी विधवा नेहा के पति की 2023 में मृत्यु के बाद उन पर ऋण का बोझ था। उन्होंने ऋण माफी की मांग की। डीएम ने मामले को उप जिलाधिकारी न्यायालय में भेजते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
वहीं, विधवा पूजा देवी को आर्थिक संकट से राहत देने के लिए आर्थिक सहायता की स्वीकृति के आदेश दिए गए।
सेवानिवृत्त शिक्षिका को मिलेगी पेंशन
हरिद्वार निवासी रेखा गुप्ता, जो प्राथमिक विद्यालय की सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका हैं, पिछले सात महीनों से पेंशन के लिए भटक रही थीं। इस पर डीएम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीन दिन के भीतर आख्या प्रस्तुत करने के आदेश दिए और विलंब के लिए जवाबदेही तय करने की चेतावनी दी।
बुजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा पर सख्त रुख
जनदर्शन के दौरान बुजुर्ग रत्ना देवी, रीता आहूजा और स्वाति नेगी सहित पाँच मामलों में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
एक अन्य प्रकरण में शराबी बेटे द्वारा माता-पिता को प्रताड़ित करने के मामले में डीएम ने पुलिस को गुंडा एक्ट में वाद दर्ज करने के निर्देश दिए।
कृष्णा कुमारी (70 वर्ष) ने किराएदार द्वारा घर पर कब्जा करने की शिकायत की, जिस पर डीएम ने तहसीलदार को तत्काल जांच कर कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा।
सिंचाई, बाढ़ सुरक्षा और अवैध निर्माणों पर कड़े निर्देश
कृषि भूमि की सिंचाई की समस्या पर डीएम ने सिंचाई विभाग को तत्काल निस्तारण का आदेश दिया।
चंद्रबनी-चोईला क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार को लेकर नगर निगम को शीघ्र मरम्मत करने के निर्देश दिए।
वहीं, निजी संपत्ति पर अवैध रूप से लगे रिलायंस मोबाइल टावर को लेकर कंपनी अधिकारियों को आज ही तलब करने और निस्तारण सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
हिलांसवाली गांव में सौंग नदी से आई बाढ़ में फसलों और भूमि को हुए नुकसान पर तहसीलदार को मुआवजा रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।
भूमि अभिलेखों में खसरा नंबर सुधार, एमडीडीए स्वीकृत मानचित्र से इतर निर्माण, और भू-माफियाओं द्वारा रास्ता बंद करने जैसी शिकायतों पर भी डीएम ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
“जन सेवा संकल्प” को कर रहे हैं सार्थक
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन सेवा संकल्प को जिला प्रशासन जमीनी स्तर पर साकार कर रहा है।
उन्होंने कहा—“जनता दर्शन सिर्फ सुनवाई का नहीं, समाधान का माध्यम है। शासन तभी सार्थक होता है जब जनता को न्याय समय पर मिले।”
सख्त मॉनिटरिंग और टीमवर्क का उदाहरण
कार्यक्रम में एडीएम (एफआर) के.के. मिश्रा, एसडीएम स्मृता परमार, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीएम अपूर्वा सिंह, एसडीएम विकासनगर विनोद कुमार, उप नगर आयुक्त संतोष कुमार पांडेय, और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। डीएम ने कहा कि “हर शिकायत सिर्फ एक फाइल नहीं, एक परिवार की उम्मीद है।”
देहरादून जिला प्रशासन के इस जनदर्शन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब संवेदनशीलता, प्रशासनिक दक्षता और मानवीय दृष्टिकोण एक साथ काम करते हैं, तो शासन सिर्फ व्यवस्था नहीं, बल्कि विश्वास बन जाता है।



