उत्तराखण्ड में तकनीकी क्रांति की ओर कदम: सीएम धामी ने लॉन्च की 5 डिजिटल सेवाएं, किए बड़े ऐलान
राज्य में नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर, एआई मिशन, रिमोट सेंसिंग एवं ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर और विशेष आईटी कैडर की स्थापना का ऐलान; ‘हिल से हाइटेक’ मंत्र के तहत डिजिटल उत्तराखण्ड की दिशा में बड़ी पहल

देहरादून, 15 अगस्त 2025 (नेशनल डेस्क): उत्तराखण्ड में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई इबारत लिखी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं का शुभारंभ किया और राज्य के डिजिटल भविष्य को लेकर कई बड़े ऐलान किए। इस अवसर पर उन्होंने पांच प्रमुख डिजिटल पहलों का उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य शासन में पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सुविधाओं को बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री ने ‘हिल से हाइटेक’ के मंत्र पर जोर देते हुए कहा, “उत्तराखण्ड केवल प्राकृतिक सौंदर्य का राज्य न रहे, बल्कि तकनीकी रूप से भी अग्रणी बने—इसके लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।”
मुख्यमंत्री की घोषणाएं
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चार बड़े ऐलान किए—
- नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर की स्थापना, जिसमें डिजास्टर रिकवरी के लिए अलग मैकेनिज्म होगा।
- एआई मिशन की शुरुआत, जिसे ‘एक्सीलेंस सेंटर’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
- नेक्स्ट-जनरेशन रिमोट सेंसिंग एवं ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर का विकास, जिससे गुड गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा।
- राज्य में एक विशिष्ट आईटी कैडर की स्थापना के लिए प्रयास।
पांच डिजिटल सेवाओं का शुभारंभ
मुख्यमंत्री धामी ने जिन सेवाओं का उद्घाटन किया, उनमें शामिल हैं—
- डिजिटल उत्तराखण्ड एप, जिसके जरिए नागरिक घर बैठे सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
- S3Waas प्लेटफॉर्म आधारित 66 वेबसाइटें, जो सुरक्षित, स्केलेबल और पारदर्शी होंगी।
- जीआईएस आधारित वेब एप, जो शहरी क्षेत्रों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रियल-टाइम ट्रैकिंग करेगा।
- 1905 सीएम हेल्पलाइन में एआई आधारित नवाचार, जिससे शिकायतों का ऑटो-केटेगराइजेशन और त्वरित समाधान संभव होगा।
- अतिक्रमण निगरानी वेब एप, जिसमें नागरिक फोटो/वीडियो अपलोड कर तुरंत शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
‘डिजिटल इंडिया’ के विज़न के अनुरूप पहल
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान ने देश में प्रौद्योगिकी और नवाचार को नई ऊंचाई दी है। “डिजिटल उत्तराखण्ड” एप इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जो ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मंत्र को साकार करेगा।
उन्होंने बताया कि नई सरकारी वेबसाइटें विभागीय जानकारी को त्वरित और सुरक्षित तरीके से जनता तक पहुंचाएंगी। अतिक्रमण रोकने वाला एप पारदर्शिता बढ़ाएगा और नागरिक सहभागिता को प्रोत्साहित करेगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य में डिजिटल विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऑनलाइन शिक्षा, ई-स्वास्थ्य सेवाएं, भूलेख डिजिटलीकरण और स्मार्ट क्लासरूम जैसी पहलें प्राथमिकता पर हैं। “अपणी सरकार” पोर्टल के माध्यम से 886 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं और 95% गांवों में दूरसंचार कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है। टेलीमेडिसिन और ई-संजीवनी के जरिए दूरस्थ इलाकों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह घर बैठे उपलब्ध कराई जा रही है।
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी
इस अवसर पर विधायक खजानदास, प्रमुख सचिव एल. फैनई, सचिव नितेश झा, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, नीरज खेरवाल, डॉ. वी. षणमुगम, श्रीधर बाबू अदांकी, यू-कॉस्ट महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक आईटी गौरव कुमार (वर्चुअल माध्यम) और नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।