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उत्तराखंड में बेटियों को मिली नई उड़ान: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर 326 मेधावी बालिकाओं को मुख्यमंत्री धामी ने किया सम्मानित

बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री— "नारी शक्ति की प्रगति ही समाज और राष्ट्र की प्रगति है"

देहरादून, 11 अक्टूबर: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की बेटियों को एक नई पहचान मिली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन, देहरादून में आयोजित ‘बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम’ में प्रतिभाग किया।

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में राज्यभर की 326 मेधावी बालिकाओं को स्मार्टफोन प्रदान किए गए। इसके साथ ही जनपद स्तर पर हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षाओं की प्रथम तीन टॉपर बालिकाओं और विकासखण्ड स्तर की टॉपर बालिकाओं को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि “इस वर्ष भी उत्तराखंड की बेटियों ने अपने परिश्रम, प्रतिभा और संकल्प से अद्भुत प्रदर्शन किया है।” उन्होंने बताया कि राज्य में हाईस्कूल परीक्षा में कुल 90 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए, जिनमें बालिकाओं का सफलता प्रतिशत 93 प्रतिशत से अधिक रहा, जबकि इंटरमीडिएट परीक्षा में 83 प्रतिशत विद्यार्थी सफल रहे और बालिकाओं की सफलता दर 86 प्रतिशत से अधिक रही। मुख्यमंत्री ने इन परिणामों को राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती सशक्त भूमिका का प्रतीक बताया।


“नारी शक्ति की प्रगति से ही समाज की दिशा बदलती है” — मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किसी समाज या राज्य की वास्तविक प्रगति नारी शक्ति की प्रगति से ही मापी जाती है। “जहाँ बेटियाँ आगे बढ़ती हैं, वहाँ समाज अपने आप आगे बढ़ जाता है। बेटियों के शिक्षित होने से आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी उज्ज्वल होता है,” उन्होंने कहा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। साथ ही महिलाओं और बेटियों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना’, ‘मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’, ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ और ‘नंदा गौरा योजना’ जैसी अनेक योजनाएँ चला रही है।

इन योजनाओं के माध्यम से बेटियाँ न केवल सरकारी सेवाओं में चयनित हो रही हैं बल्कि स्वयं सहायता समूहों, स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हैं।


प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नारी सशक्तिकरण का नया युग

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में नारी सशक्तिकरण की दिशा में अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि “‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ से लेकर ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ और ‘बालिका समृद्धि योजना’ तक — केंद्र सरकार ने हर स्तर पर बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में पारित ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को नई ऊँचाई देगा। इसके साथ ही ‘उज्ज्वला योजना’ और ‘लखपति दीदी योजना’ जैसी पहलें मातृशक्ति के सम्मान और आर्थिक स्वावलंबन को सुदृढ़ कर रही हैं।


राज्य स्तर पर बालिकाओं की शिक्षा को मिल रहा बढ़ावा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक ठोस कदम उठा रही है। महिला छात्रावासों का निर्माण, मुफ्त साइकिल योजना, और ‘बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम’ जैसी योजनाएँ बालिकाओं को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि “राज्य की अनेक बेटियाँ अब सरकारी सेवाओं में जाने का सपना देख रही हैं। उनके इन सपनों को साकार करने के लिए सरकार ने देश का सबसे कठोर नकल-विरोधी कानून लागू किया है।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सख्त और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली का परिणाम है कि पिछले चार वर्षों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि ईमानदार भर्ती प्रक्रिया ने युवाओं और विशेष रूप से बालिकाओं में सरकार पर विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ाया है।


महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्या ने भी की बेटियों की सराहना

कार्यक्रम में उपस्थित महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान देश में बालिकाओं के लिंगानुपात और शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मील का पत्थर साबित हुआ है। आर्या ने बताया कि इस अभियान के बाद उत्तराखंड में बालिकाओं के जन्म अनुपात में सुधार दर्ज किया गया है, जो समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण में आई सकारात्मक सोच का प्रमाण है।


बालिकाओं के लिए बेहतर भविष्य की दिशा में उत्तराखंड सरकार की पहल

राज्य सरकार ने बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के चार स्तंभों पर कार्य करने की नीति अपनाई है।
बालिकाओं को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से उन्हें स्मार्टफोन प्रदान करना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इन स्मार्टफोनों के माध्यम से बालिकाएँ न केवल ऑनलाइन अध्ययन कर सकेंगी, बल्कि सरकारी योजनाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों की जानकारी भी प्राप्त कर पाएँगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारी बेटियाँ आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं — शिक्षा, खेल, विज्ञान, तकनीक और प्रशासन में भी वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि कोई भी बेटी संसाधनों के अभाव में अपने सपने अधूरे न छोड़े।


कार्यक्रम में रही गरिमामयी उपस्थिति

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, राज्य औषधीय पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार, सचिव चन्द्रेश कुमार, और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने मेधावी बालिकाओं को शुभकामनाएँ दीं और उन्हें राज्य का भविष्य निर्माता बताया। उन्होंने कहा कि “आपकी सफलता से न केवल परिवार, बल्कि पूरा उत्तराखंड गौरवान्वित महसूस कर रहा है। बेटियाँ हमारी ताकत हैं और वही राज्य की नई दिशा तय करेंगी।

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