
देहरादून/बदरीनाथ, अप्रैल 2025 — बॉलीवुड अभिनेत्री और उत्तराखंड मूल की उर्वशी रौतेला एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में हैं। हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड में उनके नाम का मंदिर है, जहां लोग उनकी पूजा करते हैं। इस बयान के बाद से चारधाम के तीर्थ पुरोहितों और धार्मिक संगठनों में आक्रोश फैल गया है।
पॉडकास्ट में दिया विवादित बयान
पॉडकास्ट के दौरान जब होस्ट ने मजाकिया लहजे में पूछा कि क्या लोग ‘जय उर्वशी’ चिल्लाते हैं, तो उर्वशी रौतेला ने जवाब दिया कि “उत्तराखंड में पहले से ही मेरे नाम का मंदिर है। बदरीनाथ धाम के पास ‘उर्वशी मंदिर’ है।” उन्होंने हँसते हुए यह भी जोड़ा कि “अब मंदिर है तो लोग वहीं करेंगे — आशीर्वाद मांगेंगे।”
तीर्थ पुरोहितों का विरोध
बयान सामने आते ही बदरीनाथ और केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, अंकित सेमवाल, और गौ रक्षा विभाग के राष्ट्रीय महामंत्री मणि महेश गिरी ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया।
इनका कहना है कि उर्वशी रौतेला ने जिस ‘उर्वशी मंदिर’ की बात की है, वह वास्तव में चमोली जिले के बामणी गांव में स्थित है और उसका प्राचीन वैदिक परंपरा से संबंध है। यह मंदिर मां उर्वशी को समर्पित है, जो भगवान विष्णु की जांघों से प्रकट हुई थीं। इस मंदिर का उर्वशी रौतेला से कोई संबंध नहीं है।
पौराणिक मान्यता और ऐतिहासिक महत्व
‘उर्वशी मंदिर’ की स्थापना बद्रीकाश्रम क्षेत्र में हुई थी और यह उर्वशी पर्वत, नीलकंठ और नारायण पर्वत के समक्ष स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह स्थल भगवान विष्णु की तपोभूमि रहा है और इस मंदिर की गाथा वैदिक काल से जुड़ी है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि फिल्म अभिनेत्री द्वारा ऐसा बयान देकर अपनी प्रसिद्धि के लिए धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग किया गया है।
माफी की मांग, अन्यथा विरोध
पुरोहितों और कई हिंदू संगठनों ने मांग की है कि उर्वशी रौतेला तत्काल अपना बयान वापस लें और सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, अन्यथा उनके विरुद्ध चारधाम क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।