
गुवाहाटी : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने असम में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल करते हुए जोरहाट से सांसद और लोकसभा में उप नेता गौरव गोगोई को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला न केवल राज्य की सियासी दिशा बदल सकता है, बल्कि पार्टी के लिए एक नई ऊर्जा का संचार भी कर सकता है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोरा की जगह अब पार्टी ने 42 वर्षीय गोगोई को चुना है। साथ ही तीन युवा नेताओं — जाकिर हुसैन सिकदर (44), रोजलीना टिर्की (43), और प्रदीप सरकार (42) — को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे साफ है कि कांग्रेस अब युवाओं के कंधों पर संगठन की कमान सौंप कर नई रणनीति और आक्रामक राजनीति की तैयारी कर रही है।
गौरव गोगोई तीन बार के मुख्यमंत्री दिवंगत तरुण गोगोई के बेटे हैं, जिनके नेतृत्व में असम में कांग्रेस ने लंबे समय तक शांति और विकास का दौर देखा। कांग्रेस अब गोगोई की इस विरासत को एक बार फिर से जनता के सामने लाकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को चुनौती देना चाहती है।
गौरव गोगोई पिछले कुछ महीनों से मुख्यमंत्री सरमा के हमलों का सामना कर रहे थे, जिनमें उनकी पत्नी के कथित पाकिस्तानी संबंधों को लेकर सवाल उठाए गए। गोगोई ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह “तथ्यहीन और हास्यास्पद” हैं। इसके बावजूद पार्टी ने उन पर भरोसा जताकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह हर राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर संगठन को सशक्त करने में सक्षम हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने न सिर्फ नई अध्यक्षीय टीम घोषित की, बल्कि चुनावी तैयारी के लिए प्रमुख समितियों का भी गठन किया:
-
भूपेन बोरा – अभियान समिति प्रमुख
-
देवव्रत सैकिया – समन्वय समिति प्रमुख
-
प्रद्युत बोरदोलोई – घोषणापत्र समिति प्रमुख
-
रकीबुल हुसैन – प्रचार समिति प्रमुख
जितेंद्र सिंह ने कहा,
“गौरव गोगोई को आगे कर कांग्रेस ने युवाओं और बदलाव की उम्मीदों को मज़बूती दी है। राज्य में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, नशे की समस्या और महंगी बिजली जैसी समस्याएं जनता को परेशान कर रही हैं। हम इन मुद्दों को लेकर हर घर तक पहुंचेंगे और असम को नई दिशा देंगे।”
गोगोई ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा:
“मैं इस नई जिम्मेदारी के लिए पार्टी नेतृत्व और अपने माता-पिता का आभार प्रकट करता हूं। मैं असम की जनता से मिलूंगा, उनके बीच जाऊंगा और उनके समर्थन से बदलाव की नींव रखूंगा।”
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गोगोई को असम कांग्रेस की कमान सौंपना, उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने की ओर इशारा है। कांग्रेस 2026 के चुनाव में उन्हें हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ प्रत्यक्ष चुनौती के रूप में पेश कर सकती है।
कांग्रेस का यह कदम असम में एक नई राजनीतिक पटकथा की शुरुआत हो सकता है।
एक ओर भाजपा अपनी आक्रामक रणनीति पर कायम है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस गोगोई के रूप में युवा, परिपक्व और राजनीतिक रूप से जमीनी नेता को सामने लाकर मुकाबले को रोचक बनाने जा रही है।