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तमिलनाडु के करूर भगदड़ पर सीएम स्टालिन का भावुक संदेश: अफवाहों से बचें, सभी पीड़ित हमारे तमिल भाई हैं

41 लोगों की मौत पर जताया गहरा शोक, 10-10 लाख की राहत राशि का ऐलान, जांच आयोग गठित

चेन्नई, 29 सितम्बर। तमिलनाडु के करूर जिले में 27 सितम्बर को हुई भीषण भगदड़ की घटना में 41 लोगों की मौत ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है। इस त्रासदी को लेकर मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सोमवार को अपना दर्द साझा किया और लोगों से अफवाहों से दूर रहने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित किसी पार्टी विशेष से नहीं, बल्कि हमारे तमिल भाई-बहन हैं और उन्हें राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।


“करूर की त्रासदी ने हृदय द्रवित कर दिया”

मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर जारी एक वीडियो संदेश में कहा, “करूर में जो हुआ वह एक बहुत बड़ी त्रासदी थी। इस अपार दुख ने मेरा हृदय द्रवित कर दिया है। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन को सक्रिय कर दिया गया था और मैं खुद तुरंत करूर रवाना हुआ। अस्पताल में जब मैंने घायलों और मृतकों के परिजनों को देखा, तो वह दृश्य अभी भी आंखों के सामने घूम रहा है।”

उन्होंने कहा कि ऐसी त्रासदी पहले कभी नहीं हुई और भविष्य में भी इसे रोकने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी।


सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को चेतावनी

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर इस घटना से संबंधित भ्रामक पोस्ट और अफवाहों पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “कुछ लोग इस दुखद घटना को भी बदनाम करने और अफवाह फैलाने में लगे हैं, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं सभी से अपील करता हूँ कि करूर त्रासदी पर कोई अफवाह न फैलाएं। हमें जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना होगा।”

स्टालिन ने यह भी कहा कि सरकार सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी खबरों पर नजर रख रही है और आवश्यक होने पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।


सभी पीड़ित “तमिल भाई”

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस घटना के सभी पीड़ित चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल, संगठन या विचारधारा से जुड़े हों, वे तमिल समाज के हिस्से हैं। “कोई भी राजनीतिक दल का नेता कभी नहीं चाहेगा कि उसके कार्यकर्ता या निर्दोष नागरिक मारे जाएं। सभी मृतक और पीड़ित हमारे अपने लोग हैं। उन्हें पार्टी कार्यकर्ता नहीं, बल्कि तमिल भाई के रूप में देखा जाना चाहिए।”


राहत और पुनर्वास की घोषणा

तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी, जिसे अब लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों को भी हर संभव आर्थिक और चिकित्सीय मदद दी जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पीड़ित परिवारों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।


न्यायिक जांच आयोग गठित

मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस घटना की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश अरुणा जगतीसन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित करने की घोषणा की है। आयोग को विस्तृत जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा कि आयोग की सिफारिशों के आधार पर न केवल जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।


“राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए बनेगा ढांचा”

स्टालिन ने कहा कि करूर जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार अब नए नियम-कानून बनाएगी। उन्होंने कहा, “भविष्य में राजनीतिक दलों और जन संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के संचालन के लिए स्पष्ट गाइडलाइन और कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके लिए आयोग की रिपोर्ट आने के बाद सभी राजनीतिक दलों और नागरिक समाजों से परामर्श किया जाएगा।”


विपक्ष और जनता से सहयोग की अपील

मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य से अपील की कि इस कठिन समय में राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखकर पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का प्राथमिक उद्देश्य प्रभावित परिवारों को राहत देना और जनता का भरोसा बनाए रखना है।

करूर की भगदड़ त्रासदी तमिलनाडु के हालिया इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन का पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचना, राहत राशि की घोषणा और न्यायिक जांच आयोग का गठन सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आयोग की रिपोर्ट कब आती है और उसके आधार पर सरकार क्या कदम उठाती है। लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री का यह संदेश साफ है – “अफवाहों से बचें, पीड़ितों को राजनीति से न जोड़ें और तमिल समाज के रूप में एकजुट होकर इस दुख की घड़ी का सामना करें।”

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