
देहरादून | 8 नवंबर 2025: उत्तराखंड के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर राज्य आज रजत जयंती मना रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इन 25 वर्षों की विकास यात्रा में उत्तराखंड ने अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि यह दिन न केवल गौरव का, बल्कि आत्ममंथन और संकल्प का भी है — “हमारी यात्रा अभी पूरी नहीं हुई है; हमें देवभूमि को हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाना है।”
राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों को नमन
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आंदोलनकारियों, अमर शहीदों और देश के लिए बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा—
“उत्तराखंड राज्य की मजबूत नींव हमारे उन वीरों ने रखी, जिन्होंने इसके लिए संघर्ष किया। मैं उत्तराखंड की जनता की ओर से उन्हें शत-शत नमन करता हूं।”
धामी ने विशेष रूप से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया, जिन्होंने 2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन का मार्ग प्रशस्त किया था।
25 वर्षों की विकास यात्रा: आंकड़ों में उत्तराखंड की तरक्की
मुख्यमंत्री ने राज्य के 25 साल की यात्रा को “विकास और आत्मनिर्भरता की कहानी” बताया। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त प्रगति की है—
- राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ा
- प्रति व्यक्ति आय 18 गुना हुई
- राज्य का बजट 20 गुना से अधिक हुआ
धामी ने कहा, “उत्तराखंड आज पर्वतीय राज्य की सीमाओं को पार करते हुए उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, खेल और पर्यावरण संरक्षण में नई पहचान बना रहा है।”
समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य
मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि उत्तराखंड ने हाल ही में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करके भारत का पहला राज्य बनकर इतिहास रचा है।
उन्होंने कहा—
“यह कदम सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में उत्तराखंड की अग्रणी भूमिका को दर्शाता है। हमारी मातृशक्ति, युवा शक्ति, और प्रवासी उत्तराखंडियों के सामूहिक प्रयास से राज्य नई ऊंचाइयां छू रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी के विजन से प्रेरित देवभूमि का विकास
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से “अटूट आत्मिक संबंध” है। उन्होंने बताया कि मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण, बद्रीनाथ पुनर्विकास, और अब मानसखंड कॉरिडोर जैसे योजनाओं को विशेष प्राथमिकता दी है।
“प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना दिया है। इस सपने को साकार करने में उत्तराखंड भी विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में अग्रणी भूमिका निभाएगा,” मुख्यमंत्री ने कहा।
राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का नया अध्याय
रजत जयंती वर्ष 2025 में उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 103 पदक जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया।
उन्होंने कहा,
“खेलों ने उत्तराखंड की युवा शक्ति को नई दिशा दी है। आने वाले समय में हम राज्य को ‘स्पोर्ट्स हब ऑफ़ इंडिया’ बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।”
“अभी बहुत आगे जाना है” – धामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने 25 वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन अभी यात्रा अधूरी है।
“हमें देवभूमि उत्तराखंड को एक प्रगतिशील, उन्नत और आदर्श राज्य बनाना है। यह तभी संभव होगा जब हर नागरिक इसमें सहभागी बनेगा। जनसहयोग और सामूहिक प्रयास से ही हमारा लक्ष्य पूरा होगा।”
जन सेवा, सुशासन और संवेदनशीलता ही ध्येय
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जन सेवा, सुशासन, संवेदनशीलता और गरीब कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि रजत जयंती वर्ष 2025 के अंत तक उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में अपनी जगह बना लेगा।
“हमारा संकल्प विकल्पहीन है — उत्तराखंड को हर दृष्टि से सशक्त, समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित बनाना,” उन्होंने कहा।
प्रदेशवासियों से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने अंत में प्रदेशवासियों से अपील की कि वे राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड की शक्ति उसकी जनता है,” और जब जनता का सामूहिक संकल्प जुड़ता है, तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं रहता।
“हम सब मिलकर एक ऐसे उत्तराखंड का निर्माण करें जो आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत की पहचान बने — ‘देवभूमि से विकसित भूमि’ तक की यात्रा’ यही हमारा संकल्प है।”
रजत जयंती: संघर्ष से समृद्धि तक
उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर 2000 को हुआ था, जब यह उत्तर प्रदेश से अलग होकर देश का 27वां राज्य बना। उस समय सीमित संसाधनों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, राज्य के लोगों ने शिक्षा, पर्यटन, रक्षा, पर्यावरण और संस्कृति के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया।
रजत जयंती के अवसर पर प्रदेशभर में विशेष कार्यक्रम, सांस्कृतिक आयोजन, स्मृति समारोह और जन संवाद आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें राज्य की उपलब्धियों और आने वाले लक्ष्यों पर चर्चा की जाएगी।
नए उत्तराखंड का संकल्प
उत्तराखंड की रजत जयंती केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक नए संकल्प की शुरुआत है। मुख्यमंत्री धामी के शब्दों में —“यह अवसर हमें अपने अतीत से प्रेरणा लेने, वर्तमान पर गर्व करने और भविष्य के लिए दिशा तय करने का मौका देता है। उत्तराखंड अब केवल देवभूमि नहीं, बल्कि विकासभूमि बनने की राह पर है।”



