
चमोली/देहरादून | 23 दिसम्बर 2025 उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के पोखरी विकासखंड में विद्यालय परिसर के पास हुए भालू के हमले ने जहां इलाके में दहशत पैदा कर दी है, वहीं दो स्कूली छात्राओं के अदम्य साहस की कहानी ने पूरे प्रदेश का दिल जीत लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए न केवल घायल छात्र का हालचाल जाना, बल्कि अपनी जान पर खेलकर दूसरों को बचाने वाली दो ‘नन्ही वीरांगनाओं’ से भी बात की।
साहस की मिसाल: जब काल के सामने ढाल बनकर खड़ी हो गईं दिव्या और दीपिका
विकासखंड पोखरी के अंतर्गत विद्यालय के समीप अचानक एक खूंखार भालू ने बच्चों पर हमला कर दिया। इस आपातकालीन स्थिति में जहाँ बड़े-बड़े लोग घबरा जाते हैं, वहीं छात्रा दिव्या और दीपिका ने असाधारण सूझबूझ का परिचय दिया। इन छात्राओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना भालू का मुकाबला किया और अन्य बच्चों को सुरक्षित बचाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन छात्राओं से फोन पर सीधी बातचीत की। मुख्यमंत्री ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा, “इतनी कम उम्र में जिस धैर्य और जिम्मेदारी का परिचय आपने दिया है, वह न केवल प्रेरणादायक है बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। संकट की घड़ी में दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना असाधारण साहस का प्रमाण है।”
घायल छात्र को ढांढस और उपचार का भरोसा
मुख्यमंत्री ने भालू के हमले में घायल हुए छात्र से भी दूरभाष पर बात कर उसका मनोबल बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने छात्र को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उसके उपचार का पूरा खर्च वहन करेगी और वह जल्द ही स्वस्थ होकर दोबारा स्कूल जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि घायल छात्र को प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में इलाज मुहैया कराया जाए।
CM के सख्त निर्देश: ‘स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के पास बढ़े गश्त’
मानव-वन्यजीव संघर्ष की इस गंभीर घटना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और वन विभाग को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वन्यजीवों के आबादी वाले क्षेत्रों में आने की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
मुख्यमंत्री द्वारा जारी प्रमुख दिशा-निर्देश:
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प्रभावी गश्त: विद्यालय परिसरों, आंगनबाड़ी केंद्रों और रिहायशी इलाकों के समीप तत्काल प्रभाव से वन विभाग की गश्त बढ़ाई जाए।
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सुरक्षा ऑडिट: उन संवेदनशील रास्तों को चिन्हित किया जाए जहाँ झाड़ियां अधिक हैं या जहाँ जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है, वहां तत्काल सफाई और प्रकाश की व्यवस्था हो।
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त्वरित सहायता: पीड़ित परिवारों को हर संभव आर्थिक और मानसिक सहयोग प्रदान किया जाए।
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निगरानी तंत्र: भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आधुनिक निगरानी उपकरणों और स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाए।
सरकार की प्राथमिकता: बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में दोहराया कि राज्य सरकार के लिए नागरिकों, विशेषकर बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “पहाड़ की विषम परिस्थितियों में वन्यजीवों से सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार तकनीक और तत्परता के समन्वय से सुरक्षा के घेरे को और मजबूत करेगी।”
न्यूज़ इनपुट्स: एक नज़र में
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स्थान: पोखरी विकासखंड, जनपद चमोली।
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घटना: विद्यालय परिसर के पास भालू का हमला।
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नायिकाएं: दिव्या और दीपिका (साहसी छात्राएं)।
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प्रशासनिक एक्शन: वन विभाग को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के आदेश।
यह घटना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के साहस को तो दर्शाती ही है, साथ ही यह प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है कि ‘प्रशासन गाँव की ओर’ अभियान के तहत सुरक्षा मानकों को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। दिव्या और दीपिका जैसी बहादुर बेटियों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाना अन्य बच्चों के लिए भी एक बड़ा प्रोत्साहन साबित होगा।



