
देहरादून, 11 जुलाई 2025 | विशेष संवाददाता: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में भगवान सूर्य की मूर्ति के जलाभिषेक के लिए देशभर की पवित्र नदियों से जल एकत्र करने की महायोजना के अंतर्गत शुक्रवार को उत्तराखंड से कलश यात्रा की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित अपने आवास से इस पवित्र यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उत्तराखंड की नदियों से जुटाया गया जल
देवभूमि उत्तराखंड, जिसे नदियों और तीर्थों की भूमि माना जाता है, की प्रमुख पवित्र नदियों – गंगा, यमुना, मंदाकिनी, अलकनंदा सहित अन्य स्रोतों से एकत्र किया गया जल कलशों में भरकर विशेष पूजा-अर्चना के बाद कुशीनगर के लिए रवाना किया गया।
भगवान सूर्य के जलाभिषेक की ऐतिहासिक पहल
यह आयोजन भगवान सूर्य की एक प्राचीन मूर्ति के जलाभिषेक से जुड़ा है, जिसके लिए देशभर की 151 पवित्र नदियों का जल एकत्र किया जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि यह महायज्ञ भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता का प्रतीक बनेगा।
धार्मिक-सांस्कृतिक महत्त्व
कलश यात्रा को धार्मिक समरसता और सांस्कृतिक एकात्मता का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा –
“देवभूमि उत्तराखंड को इस राष्ट्रव्यापी आध्यात्मिक अभियान में योगदान देना गर्व की बात है। हमारी पवित्र नदियों का जल इस ऐतिहासिक जलाभिषेक का हिस्सा बनेगा, यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है।”
महामंडलेश्वर और पूर्वांचल समिति भी रहीं मौजूद
इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री 1008 डॉ. स्वामी श्री संतोषानंद देव जी महाराज, पूर्वांचल महोत्सव समिति के अध्यक्ष विनय राय एवं समिति के अन्य सदस्यगण मौजूद रहे। सभी ने कलश यात्रा को सफल बनाने हेतु शुभकामनाएं दीं और इसे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दिशा में एक अद्भुत पहल बताया।