भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में भारत में न्यायाधीशों की नियुक्ति पर नियंत्रण के लिए चल रहे संघर्ष के मुद्दे अपनी बात रखी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में अक्सर देरी होती है, जिससे लंबे समय तक रिक्तियां बनी रहती हैं. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की मुंबई बेंच के नए कैंपस के उद्घाटन पर बोलते हुए कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ट्राब्यूनल बनाने की उद्देश्य था कि इससे अदालतों पर कोर्ट में लंबित मामलों के बोझ को कम किया जा सके.
सीजेआई ने स्वीकार किया कि ट्राब्यूनल भी कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उनके कामकाज में आने वाली मुश्किलों के मद्देनजर इतने सारे ट्राब्यूनल स्थापित करने की क्या सच में जरूरत थी? जस्टिस चंद्रचूड़ ने न्यायिक मामलों में सरकार के हस्तक्षेप न करने पर बात करते हुए महाराष्ट्र में शासन संस्कृति की भी सराहना की. उन्होंने न्यायिक बुनियादी ढांचे को समर्थन और बढ़ाने में सरकार की भूमिका को पहचानने के महत्व पर जोर दिया.