
देहरादून, 01 नवम्बर 2025: उत्तराखंड के रजत जयंती समारोह की तैयारियाँ अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं। आगामी 9 नवम्बर को होने वाले मुख्य कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने प्रतिष्ठित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई), देहरादून में जाकर की। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक कर कार्यक्रम स्थल, सुरक्षा, यातायात, पार्किंग और जन-प्रवेश से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे को देखते हुए किसी भी स्तर पर कोताही या लापरवाही की गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में 60 से 70 हजार लोगों की उपस्थिति अनुमानित है, ऐसे में हर विभाग को अपने स्तर पर तैयारी को अंतिम रूप देना आवश्यक है।
“प्रधानमंत्री के संभावित आगमन को ध्यान में रखते हुए शत-प्रतिशत सतर्कता जरूरी”
मुख्य सचिव बर्द्धन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन की संभावना को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य होनी चाहिए। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि वीआईपी आगमन से लेकर आमजन की सुविधा तक, हर पहलू पर ठोस योजना तैयार की जाए।
“प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में आने वाले हर नागरिक को सुरक्षित और सुगम अनुभव मिलना चाहिए। प्रवेश और निकास मार्गों को इस तरह डिजाइन किया जाए कि भीड़ प्रबंधन में कोई बाधा न आए,” – मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन, चिकित्सा और दमकल विभाग की टीमें मौके पर मौजूद रहें। स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और एम्बुलेंस सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ट्रैफिक और पार्किंग प्लान पर विशेष बल
मुख्य सचिव ने देहरादून पुलिस और यातायात विभाग को निर्देश दिए कि शहर में कार्यक्रम के दिन यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए विस्तृत ट्रैफिक और पार्किंग योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि भीड़ के दबाव को देखते हुए पार्किंग एरिया एफआरआई परिसर के बाहर विभिन्न ज़ोन में चिन्हित किए जाएं और वहां से मुख्य स्थल तक शटल बस या ई-रिक्शा की व्यवस्था की जाए।
डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि सुरक्षा और यातायात की दृष्टि से शहर को विभिन्न सेक्टरों में बाँटा गया है। कार्यक्रम के दौरान सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन कैमरा सर्विलांस और क्विक रिएक्शन टीम्स (QRTs) को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय पुलिस, पीएसी और होमगार्ड्स की विशेष टीमें तैनात रहेंगी।
60–70 हजार दर्शकों के लिए विशेष प्रबंधन
मुख्य सचिव ने बताया कि इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रदेशभर से हजारों नागरिक, गणमान्य अतिथि, जनप्रतिनिधि, और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों, राज्य की उपलब्धियों की प्रदर्शनी और उत्तराखंड की यात्रा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म जैसे कई आकर्षण कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।
सूचना विभाग की ओर से आधुनिक डिजिटल स्क्रीन, ऑडियो-वीडियो सिस्टम, और लाइव टेलीकास्ट व्यवस्था तैयार की जा रही है ताकि जो लोग स्थल पर उपस्थित नहीं हो पाएंगे, वे भी राज्यभर में समारोह का सीधा प्रसारण देख सकें।
“यह आयोजन उत्तराखंड के विकास, संस्कृति और एकता का प्रतीक बनेगा,” – बर्द्धन ने कहा।
सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय पर जोर
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री के संभावित आगमन को ध्यान में रखते हुए एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप), राज्य पुलिस, गृह विभाग, और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर जानकारी के आदान-प्रदान में देरी नहीं होनी चाहिए।
डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि पूरे एफआरआई परिसर और आसपास के इलाकों को सुरक्षा ज़ोन में तब्दील किया जाएगा। प्रवेश और निकास द्वारों पर मल्टी-लेयर सिक्योरिटी चेकिंग की व्यवस्था रहेगी। सुरक्षा में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या वस्तु के प्रवेश पर पूरी तरह रोक रहेगी।
आधिकारिक और जनपक्षीय तैयारियों की संयुक्त समीक्षा
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, सचिव विनय शंकर पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, ज़िलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान एफआरआई परिसर की भौगोलिक स्थिति, मंच निर्माण, वीआईपी लाउंज, मीडिया गैलरी और जनसुविधाओं की तैयारियों का भी विस्तृत निरीक्षण किया गया।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग को मीडिया कवरेज, प्रेस मूवमेंट और प्रसारण प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग की टीमें राज्य और राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर रही हैं ताकि समारोह का प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर किया जा सके।
राज्य के लिए ऐतिहासिक दिन की तैयारी
गौरतलब है कि 9 नवम्बर 2025 को उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर गठित हुआ यह राज्य अब “रजत जयंती वर्ष” मना रहा है। इस मौके पर सरकार प्रदेश की विकास यात्रा, पर्यटन उपलब्धियों और पहाड़ी संस्कृति की झलक प्रदर्शित करेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह आयोजन सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनभागीदारी का पर्व है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समारोह राज्य के विकास की दिशा में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के संभावित दौरे को लेकर उत्साह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे की संभावना ने इस समारोह के महत्व को और बढ़ा दिया है। राज्य सरकार और जनता दोनों ही उनके आगमन को लेकर उत्साहित हैं।
प्रधानमंत्री संभवतः इस अवसर पर राज्य को नई परियोजनाओं की सौगात भी दे सकते हैं।
राज्य प्रशासन का कहना है कि जैसे ही प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से आधिकारिक कार्यक्रम की पुष्टि होगी, तैयारियाँ उसी के अनुसार अंतिम रूप ले ली जाएंगी।
उत्तराखंड के रजत जयंती समारोह को लेकर प्रशासनिक और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियाँ अब पूरी रफ़्तार पर हैं।
एफआरआई देहरादून एक बार फिर उस गौरवशाली क्षण का साक्षी बनने जा रहा है जब राज्य अपने 25 वर्षों की उपलब्धियों को गर्व से दुनिया के सामने रखेगा।
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा —“यह समारोह उत्तराखंड की सामूहिक भावना, त्याग और विकास की यात्रा का उत्सव है। हमें इसे पूरी गरिमा और अनुशासन के साथ सफल बनाना है।”



