Uttarakhand: मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मजबूत नींव, 3848 लाभार्थियों को 33.22 करोड़ रुपये का सीधा लाभ
सीएम धामी ने ऑनलाइन वितरित की सब्सिडी, बोले— नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बने उत्तराखंड का युवा

देहरादून, 17 दिसंबर। उत्तराखंड को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY) के तहत एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 3848 लाभार्थियों के बैंक खातों में 33.22 करोड़ रुपये की धनराशि का ऑनलाइन माध्यम से सीधे हस्तांतरण किया गया। मुख्यमंत्री ने यह राशि मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से वितरित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि उत्तराखंड का युवा नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वरोजगार के माध्यम से ही पलायन जैसी गंभीर समस्या पर स्थायी नियंत्रण पाया जा सकता है और यही सरकार की प्राथमिकता है।
पलायन रोकने और रिवर्स माइग्रेशन में योजना की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना राज्य की उन चुनिंदा योजनाओं में शामिल है, जिसने धरातल पर वास्तविक परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन कर रही है, बल्कि पलायन रोकने और रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने में भी प्रभावी साबित हुई है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान राज्य में लौटे प्रवासी, युवा उद्यमी, कारीगर, हस्तशिल्पी और शिक्षित बेरोजगार इस योजना के प्रमुख लाभार्थी रहे हैं। स्वरोजगार योजना ने ऐसे लोगों को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर दिया है।
विनिर्माण से लेकर सेवा और व्यापार क्षेत्र तक मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि योजना के अंतर्गत राज्य के मूल और स्थायी निवासियों को विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार क्षेत्र में ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह ऋण राष्ट्रीयकृत बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से दिया जा रहा है।
योजना के तहत
- विनिर्माण इकाइयों के लिए ₹25 लाख तक,
- सेवा एवं व्यापार इकाइयों के लिए ₹10 लाख तक
की परियोजना लागत अनुमन्य है।
इसके साथ ही परियोजना लागत का 15 से 25 प्रतिशत तक मार्जिन मनी सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदान की जा रही है, जिससे लाभार्थियों पर वित्तीय बोझ कम होता है।
लक्ष्य से आगे निकली योजना, आंकड़े खुद बयां करते हैं सफलता
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत लगभग 32 हजार लाभार्थियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सरकार की सक्रिय नीति और प्रभावी क्रियान्वयन के चलते अब तक 35 हजार से अधिक लाभार्थी इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार,
- अब तक ₹1,389 करोड़ से अधिक का ऋण वितरण किया जा चुका है
- जिससे 64,966 से अधिक नए रोजगार सृजित हुए हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि योजना केवल कागजों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सशक्त रूप से कार्य कर रही है।
छोटे व्यापारियों के लिए “गेम चेंजर” साबित हो रही योजना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को छोटे व्यापारियों और नवोदित उद्यमियों के लिए ‘गेम चेंजर योजना’ बताया। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के माध्यम से प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने का यह एक प्रभावी मॉडल बन चुका है।
योजना की सफलता को देखते हुए सरकार ने वर्ष 2025 से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2.0 (MSY 2.0) की शुरुआत की है। इसमें MSY और नैनो योजना का एकीकरण किया गया है।
MSY 2.0 में बढ़ी सब्सिडी, नए बूस्टर से मिलेगा अतिरिक्त लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि नई योजना के अंतर्गत
- सब्सिडी की सीमा 15% से बढ़ाकर 30% कर दी गई है
- साथ ही भौगोलिक, सामाजिक और उत्पाद बूस्टर की अवधारणा के तहत अतिरिक्त 5% सब्सिडी का प्रावधान किया गया है
इससे यह योजना न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्त बनेगी।
पारदर्शिता का उदाहरण: सीधे खातों में ट्रांसफर
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाभार्थियों को सब्सिडी की राशि ऑनलाइन माध्यम से सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। यह सरकार की पारदर्शी, टेक्नोलॉजी-आधारित और भ्रष्टाचार-मुक्त कार्यप्रणाली का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मजबूत नींव है। सरकार का लक्ष्य है—हर जिले में स्थानीय उद्यम, हर गांव में रोजगार और हर युवा के हाथ में काम।
लाभार्थियों से सीधा संवाद, सफलता की कहानियां साझा
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने योजना से लाभान्वित उद्यमियों से सीधा संवाद भी किया।
- लोहाघाट (चंपावत) के कमल सिंह पार्थोली ने बताया कि उन्होंने स्मार्ट लाइब्रेरी के लिए ₹10 लाख का लोन लिया, जहां वर्तमान में 130 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
- उधम सिंह नगर के प्रदीप अग्रवाल ने गाड़ी सर्विस सेंटर शुरू किया, जो पहले साइकिल रिपेयरिंग का काम करते थे।
- उत्तरकाशी के जसपाल ने फिटनेस क्लब स्थापित किया और उसका विस्तार कर रहे हैं।
- पौड़ी गढ़वाल के अयान मंसूरी ने रजाई-गद्दा निर्माण इकाई स्थापित की, जिसका इस वर्ष कारोबार तीन करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
- बागेश्वर की चंपा देवी ने मोबाइल सेल एंड सर्विस सेंटर से अपनी आजीविका मजबूत की।
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की दिशा में उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करते हुए डबल इंजन सरकार उत्तराखंड के युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से सशक्त बना रही है। आने वाले समय में इस योजना का और विस्तार किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक युवा इसका लाभ उठा सकें।



