
टनकपुर/चंपावत, 13 नवम्बर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टनकपुर पहुंचकर जिले को ₹88.11 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। यह अवसर ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के उपलक्ष्य में सहकारिता विभाग, उत्तराखंड द्वारा आयोजित “सहकारिता मेला” के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मिला।
मुख्यमंत्री ने टनकपुर के गांधी मैदान में फीता काटकर मेले का विधिवत शुभारंभ किया और विभिन्न विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि —
“सहकारिता केवल आर्थिक ढांचा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सामूहिक प्रगति का जीवंत उदाहरण है। ग्राम्य अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में यह किसानों, युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करती है।”
उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को जनांदोलन का रूप देने की आवश्यकता है ताकि इसकी भावना गाँवों से लेकर शहरी समाज तक फैले।
किसानों को प्रोत्साहन, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर सहकारिता विभाग द्वारा चयनित चार कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप ₹1-1 लाख के चेक प्रदान किए। ये लाभार्थी — पान सिंह, किशन सिंह, संदीप सिंह एवं एक अन्य किसान — दुग्ध उत्पादन और पशुपालन को आत्मनिर्भरता के माध्यम के रूप में अपनाने वाले किसान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन किसानों की पहल अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता क्षेत्र को आधुनिक तकनीक और डिजिटल वित्तीय पारदर्शिता से जोड़ने के लिए प्रयासरत है, ताकि किसान और ग्रामीण उद्यमी सीधे लाभान्वित हो सकें।
“हमारे किसान और महिला समूह अगर सहकारिता के माध्यम से संगठित होंगे, तो राज्य का ग्रामीण तंत्र आत्मनिर्भर बनेगा और पलायन पर भी अंकुश लगेगा,”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा।
चंपावत को मिली ₹88.11 करोड़ की 8 नई परियोजनाओं की सौगात
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कुल 08 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया — जिनकी कुल लागत ₹8810.90 लाख (₹88.11 करोड़) है। इनमें 03 योजनाओं का लोकार्पण और 05 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
लोकार्पण की गई 3 प्रमुख योजनाएँ (कुल लागत ₹2478.56 लाख)
- नायकगोठ–हनुमानगढ़ी मोटर मार्ग पर आर्च मोटर सेतु (₹1377.14 लाख)
125 मीटर स्पान का यह आर्च मोटर पुल नायकगोठ से हनुमानगढ़ी खेतखेड़ा थ्वालखेड़ा मार्ग पर निर्मित किया गया है। इसके बनने से ग्रामीण इलाकों की संपर्कता में उल्लेखनीय सुधार होगा और स्थानीय परिवहन को नई दिशा मिलेगी। - चंपावत के आंतरिक मार्गों का हॉट मिक्स से सुधार (₹992.12 लाख)
लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड द्वारा पूर्ण की गई इस परियोजना से चंपावत नगर और आसपास के क्षेत्रों में सड़क गुणवत्ता में सुधार हुआ है। - कलेक्ट्रेट भवन का कुमाऊँनी स्थापत्य शैली में पुनर्निर्माण (₹109.30 लाख)
ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा पारंपरिक कुमाऊँनी स्थापत्य शैली में पुनर्निर्मित यह भवन प्रशासनिक उपयोगिता के साथ-साथ स्थानीय विरासत का प्रतीक भी बनेगा।
शिलान्यास की गई 5 योजनाएँ (कुल लागत ₹6332.34 लाख)
- तहसील कार्यालय चंपावत भवन का निर्माण (₹1385.68 लाख)
उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम, लोहाघाट द्वारा निर्मित यह नया तहसील भवन प्रशासनिक कार्यकुशलता को सुदृढ़ करेगा और नागरिक सेवाओं में सुगमता लाएगा। - प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत तीन वाटरशेड विकास परियोजनाएँ
- Champawa/WDC/PMKSY 20/4/2021-22 — ₹1092.56 लाख
- Champawat/WDC/PMKSY 20/11/2021-22 — ₹1332.24 लाख
- Champawat/WDC/PMKSY 20/11/2021-22 — ₹1563.52 लाख
इन परियोजनाओं से चंपावत जनपद के ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, सिंचाई विस्तार और कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएँ “ग्रामीण जीवन स्तर में स्थायी सुधार और स्थानीय रोजगार सृजन का आधार बनेंगी।”
संतुलित विकास की दिशा में निर्णायक कदम
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि चंपावत जिले के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार विशेष प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल क्षेत्रीय संपर्कता और कृषि अवसंरचना मजबूत होगी बल्कि स्वरोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
“इन योजनाओं से चंपावत का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। हम चाहते हैं कि उत्तराखंड के हर जिले में विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे,”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए ठोस योजनाओं पर काम कर रही है, और सहकारिता इसका मजबूत आधार बनेगी।
स्थानीय नेतृत्व और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, नगर पालिका अध्यक्ष विपिन कुमार, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, प्रदेश महामंत्री निर्मल महरा, जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, प्रकाश तिवारी, दीपक रजवार, पूरन महरा, हिमेश कलखुड़िया, शिवराज कठायत, गुंजन सुखेजा, सतीश पांडे, पुष्पा विश्वकर्मा, केदार बृजवाल, विकास शाह समेत कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
प्रशासनिक स्तर पर जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती और संयुक्त निदेशक (सहकारिता) मंगला त्रिपाठी ने भी कार्यक्रम की सफलता में सक्रिय भूमिका निभाई।
“सहकारिता से आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता क्षेत्र को नई ऊर्जा देने के लिए कई नवाचार योजनाएँ शुरू कर रही है।
उन्होंने कहा कि —
“सहकारिता का अर्थ केवल उत्पादन या विपणन तक सीमित नहीं, बल्कि यह ग्रामीण समाज की आत्मनिर्भरता का दर्शन है। जब हर गाँव में सहकारी समितियाँ मजबूत होंगी, तब उत्तराखंड आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनेगा।”
टनकपुर में आयोजित यह कार्यक्रम केवल विकास योजनाओं का लोकार्पण नहीं था, बल्कि यह उत्तराखंड के ग्रामीण पुनर्जागरण और आत्मनिर्भरता के नव अध्याय की शुरुआत थी। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में चंपावत एक बार फिर राज्य के संतुलित विकास मॉडल का केंद्र बनकर उभरा है।



