
देहरादून, 11 नवंबर: राज्य की रजत जयंती वर्ष उत्सव के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासनिक सक्रियता और जनता से प्रत्यक्ष संवाद को तेज़ करने की दिशा में नया अभियान शुरू किया है। मंगलवार को उन्होंने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पहुंचे नागरिकों की समस्याएं, शिकायतें और सुझाव सुने।
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि राज्य सरकार का सर्वोच्च उद्देश्य जन अपेक्षाओं के अनुरूप शासन की पारदर्शी, जवाबदेह और समयबद्ध व्यवस्था स्थापित करना है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनता की शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए तथा हर स्तर पर फीडबैक तंत्र को मजबूत बनाया जाए।
“जनता से सीधा संवाद, शासन का मूल आधार” — मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की रजत जयंती वर्ष केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह जनता और सरकार के बीच विश्वास और संवाद का सेतु है। उन्होंने कहा,
“यह समय है कि शासन जनता के और करीब आए। हमें इस अवसर को प्रशासन को संवेदनशील, जवाबदेह और जनकेंद्रित बनाने के लिए उपयोग में लाना होगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि जनता मिलन कार्यक्रम जैसी पहलें जनता की वास्तविक समस्याओं को समझने और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का माध्यम हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिकायत निवारण की प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सुलभ बनाया जाए ताकि कोई भी नागरिक बिना बाधा अपनी बात सरकार तक पहुँचा सके।
फीडबैक प्रणाली को प्राथमिकता
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों से कहा कि किसी भी शिकायत का निस्तारण केवल “कागज़ी प्रक्रिया” तक सीमित न रहे।
उन्होंने निर्देश दिया कि हर समाधान का फॉलोअप और फीडबैक अनिवार्य रूप से लिया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जनता को वास्तविक राहत मिली है या नहीं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
“जब तक जनता यह महसूस नहीं करती कि उसकी बात सुनी गई है और उस पर ठोस कार्रवाई हुई है, तब तक हमारी प्रक्रिया अधूरी है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर नागरिक को अपनी समस्या के समाधान पर संतोष हो।”
“रजत जयंती वर्ष: संवाद और नीति-निर्माण का अवसर”
मुख्यमंत्री ने रजत जयंती वर्ष को राज्य के लिए जनभागीदारी और नीति-निर्माण का ऐतिहासिक अवसर बताया। उन्होंने कहा कि जनता से प्राप्त सुझावों को नीतियों और योजनाओं में शामिल किया जाएगा।
“हमारा प्रयास है कि राज्य के विकास का हर कदम जनता की भागीदारी से तय हो। जनता से प्राप्त विचार हमारे लिए नीति-निर्माण की दिशा तय करने वाले संकेत हैं।”
उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष के अवसर पर सरकार पूरे प्रदेश में जन संवाद कार्यक्रमों, पंचायत प्रतिनिधि संवाद, युवा प्रेरणा सम्मेलन और महिला स्वावलंबन कैंपों का आयोजन करेगी ताकि विकास की प्रक्रिया साझेदारी के भाव से आगे बढ़े।
‘मुख्य सेवक सदन’ बना जनता के संवाद का केंद्र
देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम नागरिक, महिला प्रतिनिधि, वृद्धजन और युवा शामिल हुए।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों — पिथौरागढ़, टिहरी, हरिद्वार, अल्मोड़ा और ऊधमसिंहनगर से आए नागरिकों ने अपनी समस्याएँ और स्थानीय विकास संबंधी मांगें प्रस्तुत कीं।
मुख्यमंत्री ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को कई मामलों में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छोटे मुद्दों का समाधान जिला प्रशासन स्तर पर ही किया जा सकता है, बशर्ते अधिकारी सक्रिय और संवेदनशील हों।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार का लक्ष्य है कि जनता को हर शिकायत का समाधान “एक क्लिक” या “एक कॉल” में उपलब्ध हो सके।
अधिकारियों से संवेदनशील व्यवहार की अपेक्षा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जनसेवा केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि यह मानवीय प्रतिबद्धता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक व्यवहार अपनाएँ।
“हम केवल शासन करने नहीं, सेवा करने के लिए हैं। प्रशासनिक पद जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने का माध्यम है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि जनता को लगे कि सरकार उसके साथ खड़ी है।”
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेही है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रौद्योगिकी आधारित शिकायत निवारण व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य की ई-गवर्नेंस पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि अब हर नागरिक अपनी शिकायत या सुझाव ऑनलाइन माध्यम से दर्ज कर सकता है।
राज्य सरकार जल्द ही “मुख्यमंत्री संवाद पोर्टल” को और अधिक इंटरैक्टिव और रियल-टाइम फीडबैक से लैस करने की दिशा में काम कर रही है।
इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी बात पहुँचा सकेंगे और शिकायत की स्थिति की ऑनलाइन ट्रैकिंग कर सकेंगे।
जनता से रचनात्मक सहयोग का आह्वान
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से भी राज्यहित में रचनात्मक सुझाव और सहभागिता का आह्वान किया। उन्होंने कहा,
“राज्य का विकास केवल सरकार के प्रयासों से नहीं, बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी से संभव है।
हम सब मिलकर उत्तराखंड को आत्मनिर्भर, समृद्ध और अवसरों से भरा राज्य बना सकते हैं।”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार की हर नीति और निर्णय का मूल उद्देश्य जनता का हित और प्रदेश का समग्र विकास है। उन्होंने यह भी कहा कि “हमारा लक्ष्य केवल योजनाएँ बनाना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि विकास का लाभ सबसे पहले अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।”
राज्य की रजत जयंती वर्ष में मुख्यमंत्री धामी द्वारा जन संवाद और सहभागिता पर दिया गया ज़ोर उत्तराखंड की प्रशासनिक संस्कृति में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत देता है। मुख्य सेवक सदन में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम यह संदेश देता है कि शासन अब केवल “ऊपर से नीचे” नहीं, बल्कि “जनता से सरकार” की दिशा में बढ़ रहा है।
उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास आने वाले समय में न केवल जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण में मदद करेगा, बल्कि जनता के बीच शासन के प्रति विश्वास और भागीदारी की भावना को भी मजबूत करेगा।



