
देहरादून: पड़ोसी देश नेपाल में हाल ही में पैदा हुए राजनीतिक हालातों ने उत्तराखण्ड सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय बैठक कर चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक में जिला प्रशासन, पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
सीमा पर सघन चेकिंग और मॉनिटरिंग के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को आदेश दिया कि नेपाल से सटी सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वाहन पर कड़ी नजर रखी जाए और सीमा पार से होने वाले आवागमन पर विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी सभी सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का कठोर अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
सीमा से लगे प्रवेश मार्गों की नियमित मॉनिटरिंग और संवेदनशील बिंदुओं पर अतिरिक्त पुलिस बल एवं SSB की संयुक्त गश्त को मजबूती देने का निर्देश भी दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती से भी परहेज नहीं किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर भी सतत निगरानी
बैठक में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चल रही गतिविधियों की निगरानी को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि अफवाह, भ्रामक सूचनाएं या किसी भी प्रकार का उकसाने वाला कंटेंट राज्य की शांति और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। इसलिए सोशल मीडिया की सतत निगरानी और समय रहते त्वरित कार्रवाई बेहद ज़रूरी है।
स्थानीय समुदाय और ग्राम समितियों की भागीदारी
सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों और स्थानीय समितियों को निगरानी व्यवस्था में शामिल करने पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक भागीदारी से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीमांत गांवों के लोगों, ग्राम समितियों, पुलिस बल और वन विभाग के साथ मिलकर एक सामूहिक निगरानी तंत्र विकसित किया जाए, ताकि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना समय रहते प्रशासन तक पहुँच सके।
केंद्रीय एजेंसियों और SSB से तालमेल
सीमा सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और SSB की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन को आदेश दिया कि वे केंद्रीय एजेंसियों और SSB के साथ लगातार संपर्क और समन्वय बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की सूचना या इनपुट को गंभीरता से लिया जाए और उसे तुरंत स्थानीय प्रशासन के साथ साझा किया जाए, ताकि समय रहते कार्रवाई संभव हो सके।
खुफिया तंत्र की मजबूती और त्वरित कार्रवाई पर जोर
बैठक में खुफिया सूचना तंत्र को मजबूत बनाने पर भी विशेष चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में छोटी-से-छोटी गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें रिकॉर्ड करने के लिए खुफिया एजेंसियों का नेटवर्क और भी सशक्त किया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासनिक और सुरक्षा तंत्र को हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने वाली व्यवस्था (Rapid Response Mechanism) तैयार रखी जाए।
नेपाल में राजनीतिक हालातों पर नज़र
हाल के दिनों में नेपाल के राजनीतिक परिदृश्य में आई अस्थिरता और आंतरिक हलचलों का असर भारत-नेपाल सीमा वाले राज्यों पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। चूंकि उत्तराखण्ड की लंबी सीमा नेपाल से लगती है, इसलिए यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य सरकार हालात पर करीबी नज़र रखे हुए है और जनता की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
बैठक में शामिल वरिष्ठ अधिकारी
इस उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव (गृह), एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी इंटेलिजेंस, कुमाऊँ मंडलायुक्त, कुमाऊँ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक, तथा चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और SSB के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी।
नेशनल स्तर पर अहम संदेश
नेपाल सीमा सुरक्षा पर मुख्यमंत्री धामी की यह सक्रियता न सिर्फ राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। यह संदेश गया है कि उत्तराखण्ड सरकार किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और भारत की सीमाओं की सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
उत्तराखण्ड के तीन सीमावर्ती जिलों — चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर — की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हुई इस हाई-लेवल बैठक से साफ है कि राज्य सरकार हालात की गंभीरता को समझ रही है और प्रो-एक्टिव अप्रोच के साथ काम कर रही है। सीमांत क्षेत्रों में चेकिंग, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, सामुदायिक भागीदारी और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय जैसे कदम यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी तरह की गतिविधि राज्य की शांति और देश की सुरक्षा को प्रभावित न कर सके।