
रांची: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को रांची में स्कूली बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि भारतीय सेना ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां भाई-भतीजावाद (Nepotism) के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना पूरी तरह से मेरिट और अनुशासन पर आधारित है। यही वजह है कि यहां आने वाला हर जवान और अधिकारी केवल अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर आगे बढ़ता है।
“देश की सेवा करनी है तो सेना से बेहतर जगह नहीं”
CDS चौहान ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा,
“अगर आप देश की सेवा करना चाहते हैं और नई जगहों की खोज करना चाहते हैं, तो आपको सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि सेना न सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा करती है, बल्कि जब-जब देश पर प्राकृतिक आपदाओं का संकट आया है, तब-तब फौज ने नागरिकों की रक्षा में सबसे आगे रहकर योगदान दिया है।
प्राकृतिक आपदाओं में सेना की भूमिका
CDS ने बताया कि इस साल सशस्त्र बलों ने कई बार बाढ़, भूकंप और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बीच फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू अभियान चलाए। उनका कहना था कि चाहे युद्धक्षेत्र हो या प्राकृतिक संकट, भारतीय सेना हर स्थिति में देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र
अपनी बातचीत में CDS चौहान ने हाल ही के ऑपरेशन सिंदूर का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि 7 मई को रात 1 बजे पहला हमला इस ऑपरेशन के तहत किया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि नागरिकों को किसी तरह की हानि न हो।
उन्होंने कहा,
“रात में लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमला करने के लिए विशेष कौशल और अत्याधुनिक तकनीक की ज़रूरत होती है। हमारे जवानों और अफसरों ने यह काम बखूबी किया।”
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई थी। उस हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
सेना की छवि और भविष्य
CDS चौहान का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में डिफेंस फोर्सेज में भर्ती और सुधार को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। उनका संदेश साफ था कि सेना में आने वाला हर नौजवान समान अवसर और निष्पक्षता के माहौल में अपनी पहचान बनाता है।