
चंडीगढ़, 16 अक्टूबर 2025 | पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की रिश्वतखोरी ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार की जड़ों को उजागर कर दिया है।
गुरुवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रोपड़ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) हरचरण सिंह भुल्लर को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद सीबीआई की टीमों ने मोहाली, चंडीगढ़ और रोपड़ स्थित उनके घरों व ठिकानों पर छापेमारी की, जहाँ से करोड़ों रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, भुल्लर एक कारोबारी से फर्जी केस वापस लेने के एवज में 8 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। सीबीआई टीम पिछले दस दिनों से इस पूरे ऑपरेशन पर नज़र रखे हुए थी।
CBI की ‘ट्रैप ऑपरेशन’ में DIG गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक, एक कारोबारी ने 11 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित सीबीआई दफ्तर में DIG भुल्लर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि DIG ने उसके खिलाफ एक फर्जी मुकदमा दर्ज किया था और उसे सुलझाने के बदले 8 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी। कारोबारी ने बताया कि अधिकारी लगातार उसे धमका रहा था कि यदि पैसे नहीं दिए तो केस में कठोर धाराएँ जोड़ दी जाएँगी।
सीबीआई ने तुरंत इस शिकायत को गंभीरता से लिया और DIG भुल्लर पर निगरानी और ट्रैप की योजना बनाई।
गुरुवार को जब कारोबारी ने पहली किश्त के रूप में 5 लाख रुपये देने की कोशिश की, तो सीबीआई की टीम ने मोहाली में DIG के दफ्तर में ही उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने अधिकारी के कार्यालय, सरकारी आवास और निजी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। टीम को कई बंडलों में कैश, दस्तावेज़, और अन्य संदिग्ध लेनदेन के रिकॉर्ड मिले हैं। नोटों की गिनती देर रात तक जारी थी। अभी तक की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बरामद नकदी की सटीक राशि का खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है।
2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं भुल्लर
DIG हरचरण सिंह भुल्लर 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे वर्तमान में रोपड़ रेंज (Ropar Range) में कार्यरत थे, जिसके अंतर्गत मोहाली, रूपनगर और फतेहगढ़ साहिब जिले आते हैं। भुल्लर इससे पहले पटियाला रेंज में DIG रहे हैं।
उनका पुलिस करियर लंबे समय तक सतर्कता ब्यूरो, जगराओं, मोहाली और संगरूर जैसे जिलों में एसएसपी के पदों पर रहा है। उनकी छवि एक सख्त अधिकारी के रूप में पेश की जाती रही थी, लेकिन सीबीआई की यह कार्रवाई अब उस छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
कारोबारी से हर महीने 5 लाख की डिमांड का खुलासा
जांच में यह भी सामने आया है कि DIG भुल्लर केवल इस एक बार की रिश्वत तक सीमित नहीं थे। CBI की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, वे उसी कारोबारी से हर महीने 5 लाख रुपये ‘सुरक्षा शुल्क’ के रूप में मांग रहे थे, ताकि उसके कारोबार में कोई पुलिस हस्तक्षेप न हो। कारोबारी ने इस दबाव से तंग आकर आखिरकार सीबीआई की शरण ली और ऑडियो-वीडियो साक्ष्यों के साथ शिकायत दर्ज कराई। CBI अधिकारियों का कहना है कि इस आधार पर ही ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
छापेमारी में बरामद हुए करोड़ों रुपये
DIG की गिरफ्तारी के तुरंत बाद सीबीआई ने चंडीगढ़, मोहाली और रोपड़ में उनके सरकारी व निजी परिसरों पर छापेमारी की। इस दौरान टीमों ने अघोषित नकदी, कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज़, बैंक खातों के रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि “घर में इतनी नकदी थी कि नोट गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ीं।”
छापेमारी देर रात तक जारी रही और सीबीआई की टीमें भ्रष्टाचार के संभावित नेटवर्क और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही हैं।
यह भी संदेह जताया जा रहा है कि DIG के अधीन कुछ पुलिसकर्मी और स्थानीय प्रभावशाली लोग भी इस अवैध वसूली में शामिल हो सकते हैं।
कल कोर्ट में पेश किया जाएगा अधिकारी
गिरफ्तार DIG हरचरण भुल्लर को शुक्रवार को मोहाली स्थित विशेष CBI अदालत में पेश किया जाएगा, जहाँ सीबीआई उनकी न्यायिक हिरासत या रिमांड की मांग करेगी। एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “हम सबूतों को मजबूत कर रहे हैं। शुरुआती बरामदगी से मामला बेहद गंभीर है।” फिलहाल सीबीआई ने भुल्लर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 12 और 13(2) के तहत केस दर्ज किया है।
भ्रष्टाचार पर फिर सवाल, सिस्टम में कितनी गहराई तक फैला ‘रैकेट’?
पंजाब में यह पहला मामला नहीं है जब किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया हो।
इससे पहले भी राज्य में सतर्कता ब्यूरो और पुलिस महकमे के कई अधिकारी रिश्वतखोरी के मामलों में निलंबित या गिरफ्तार हो चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला राज्य पुलिस व्यवस्था में व्याप्त संरचनात्मक भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जहाँ पद और शक्ति का उपयोग दबाव, उगाही और सौदेबाजी के औज़ार के रूप में किया जाता है।
DIG हरचरण भुल्लर का यह मामला केवल एक अफसर की गिरफ्तारी भर नहीं, बल्कि उस भ्रष्ट तंत्र की परतें खोलने वाली घटना है, जो पुलिस से लेकर प्रशासनिक ढाँचे तक फैली है। CBI की इस कार्रवाई ने जहां एक ओर सिस्टम को झकझोर दिया है, वहीं जनता के मन में यह उम्मीद भी जगा दी है कि अब ‘ऊँचे ओहदों’ पर बैठे भ्रष्ट अधिकारी भी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकेंगे।