
पिथौरागढ़/देहरादून: उत्तराखंड के सीमावर्ती ज़िले पिथौरागढ़ में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नाचनी डाकघर में तैनात डाक निरीक्षक शशांक सिंह राठौर को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को गुरुवार को स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा।
लोन सब्सिडी के सत्यापन के नाम पर की थी रिश्वत की मांग
मामला प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) से जुड़ा है। खेती गांव निवासी एक दुकानदार सुरेश चंद ने वर्ष 2020 में जिला उद्योग केंद्र, पिथौरागढ़ के माध्यम से 6 लाख रुपये का लोन लिया था। इस योजना के तहत उन्हें 35% की सब्सिडी यानी 2.10 लाख रुपये की सरकारी सहायता मिलनी थी, जिसके लिए डाकघर से एक सत्यापन रिपोर्ट जरूरी थी।
जब सुरेश चंद ने सत्यापन के लिए डाक निरीक्षक शशांक राठौर से संपर्क किया, तो उन्होंने फाइल में खामियों का हवाला देकर जानबूझकर प्रक्रिया को लटकाना शुरू कर दिया।
रिकॉर्डिंग बनी सबूत, सीबीआई ने बिछाया जाल
20 जून को शिकायतकर्ता सुरेश चंद ने एक बार फिर राठौर से संपर्क किया, जहां राठौर ने पोस्ट मास्टर नंदन गिरी और डाकिया खुशाल सिंह के माध्यम से 21 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। बाद में बातचीत के दौरान यह रकम घटाकर 15 हजार रुपये कर दी गई।
सुरेश चंद ने पूरे प्रकरण की रिकॉर्डिंग कर ली और उसे सबूत के तौर पर सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
सीबीआई ट्रैप टीम ने धरदबोचा
बुधवार को सीबीआई की एक विशेष ट्रैप टीम नाचनी डाकघर पहुंची और शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपये लेते ही शशांक सिंह राठौर को रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई टीम ने आरोपी से लंबी पूछताछ की और संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए।
अदालत में पेशी आज, विभागीय जांच भी शुरू
आरोपी को बृहस्पतिवार को देहरादून स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। साथ ही, डाक विभाग की ओर से भी विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मामले में शामिल अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच हो रही है।
सीबीआई की यह कार्रवाई उत्तराखंड जैसे सीमांत क्षेत्र में निचले स्तर पर फैले भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट मानी जा रही है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या आरोपी को संरक्षण देने वाले ऊपरी स्तर के अधिकारी भी जांच के घेरे में आएंगे।