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Uttarakhand: सरस्वती शिशु मंदिर को मदरसा बताकर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति लेने का मामला, मुख्यमंत्री ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश

राज्यभर में स्कॉलरशिप घोटाले की जाँच शुरू, 456 छात्रों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए

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देवभूमि उत्तराखंड में छात्रवृत्ति के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। उधम सिंह नगर जिले में सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल को मदरसे की तरह दर्ज कर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) से अल्पसंख्यक छात्रों के नाम पर फंड लेने के गंभीर मामले का खुलासा हुआ है। प्रकरण संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गहन जांच के आदेश देते हुए राज्यभर के अल्पसंख्यक संस्थानों की छात्रवृत्ति जांच शुरू करवा दी है।

अब इस पूरे मामले की जांच विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण डॉ. पराग मधुकर धकाते द्वारा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए।

क्या है पूरा मामला?

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए उधम सिंह नगर जिले से प्राप्त 796 अल्पसंख्यक छात्रों के आवेदनों की जांच की गई। जांच में 6 मदरसों/संस्थानों से जुड़े 456 छात्रों की जानकारी संदिग्ध पाई गई।

सबसे चौंकाने वाला नाम सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल किच्छा का है, जिसे अल्पसंख्यक विद्यालय या मदरसा दिखाया गया। इस स्कूल में 154 मुस्लिम छात्रों का अध्ययन दर्ज किया गया, जबकि यह एक परंपरागत गैर-अल्पसंख्यक विद्यालय माना जाता है। इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह रही कि स्कूल का संचालक मोहम्मद शारिक अतीक बताया गया।

जांच के घेरे में अन्य संस्थान भी

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अन्य संस्थानों की भी जांच शुरू हो गई है:

  • नेशनल अकादमी, काशीपुर – 125 मुस्लिम छात्रों, संचालक: गुलशफा अंसारी
  • मदरसा अल-जामिया उल मदरिया – 27 छात्र, संचालक: मोहम्मद फैजान
  • मदरसा अलबिया रफीक उल उलूम, बाजपुर – 39 छात्र, संचालक: जावेद अहमद
  • मदरसा जामिया आलिया, गदरपुर – 24 छात्र, संभवतः संचालक जावेद अहमद
  • मदरसा जामिया रजा उल उलूम, बाजपुर – 85 छात्र, संचालक: इरशाद अली

इन सभी संस्थानों की सत्यापन प्रक्रिया के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नंदिनी सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

“राज्य में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल में दर्ज अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की जानकारी पर गहनता से जांच की जा रही है। ‘सरस्वती शिशु मंदिर’ जैसे नाम से छात्रवृत्ति लिए जाने की सूचना अत्यंत गंभीर है। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

आवश्यक कार्रवाई की तैयारी

  • संबंधित संस्थानों के बैंक खातों, संचालकों और छात्रों की जांच
  • केंद्र सरकार से समन्वय
  • भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए प्रक्रिया सुदृढ़ करने के निर्देश
  • दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की भी तैयारी

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