भारत सरकार ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ओटावा निज्जर हत्याकांड पर सबूत साझा करे. बता दें कि ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि 19 जून को वैंकूवर के सरे में कनाडाई नागरिक और खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत शामिल था. कई वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, बुधवार को नए संसद भवन में शीर्ष विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की एक बैठक के बाद कई फैसले लिए गए. इसमें कहा गया कि भारत सबूतों के आधार पर कनाडा में जांच में शामिल होने के लिए तैयार है. साथ ही देश के राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों को अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित पश्चिम में भारत के प्रमुख सहयोगियों तक यह संदेश देने को कहा गया कि भारतीय खुफिया एजेंसियों का निज्जर की हत्या से कोई लेना-देना नहीं और आरोप निराधार हैं.
दरअसल अल्पमत ट्रूडो सरकार को न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह का समर्थन प्राप्त है. नई दिल्ली यह सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बना रही है कि कनाडा में भारतीय प्रवासी सिखों और हिंदुओं के बीच पोलराइजेशन न हों, और भारतीय मूल के लोग सुरक्षित रहें. भारत पहले ही ट्रूडो के आरोपों से इनकार कर चुका है. अधिकारियों ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए 23 सितंबर को न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा के दौरान भारत की स्थिति को और स्पष्ट करेंगे और उसके बाद संभवतः वाशिंगटन डीसी की द्विपक्षीय यात्रा करेंगे. 26 सितंबर को यूएनजीए को उनका संबोधन होगा.
अधिकारियों ने कहा कि 21 फरवरी, 2018 की शुरुआत में, पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब भाजपा नेता अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो की अमृतसर यात्रा के दौरान कनाडा में शरण लिए हुए 10 आतंकी भगोड़ों की एक सूची और डोजियर दिया था. इन 10 नामों में गुरजीत सिंह चीमा, गुरप्रीत सिंह, हरदीप सिंह निज्जर, गुरजिंदर सिंह पन्नू, मलकीत सिंह उर्फ फौजी, परविकर सिंह दुलई उर्फ पैरी दुलई, भगत सिंह बराड़ उर्फ बग्गू बराड़, सुलिंदर सिंह, हरदीप सहोता और टहल सिंह शामिल थे. डोजियर में कनाडा के सभी आतंकी संदिग्धों के पते के साथ-साथ उनके अपराधों की एक लंबी सूची भी शामिल थी. पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बावजूद ट्रूडो ने कुछ नहीं करने का फैसला किया. अधिकारियों ने कहा कि भारत की प्राथमिक चिंताओं में से एक कनाडा में भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा है, विशेष रूप से एक अन्य अलगाववादी, गुरपतवंत सिंह पन्नू, प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस के नेता, ने कनाडाई हिंदुओं को धमकी जारी करते हुए उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा है.