
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने 6 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा और धन सिंह रावत भी मौजूद रहे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगोली ने प्रेस ब्रीफिंग कर निर्णयों की जानकारी साझा की।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:
1️⃣ उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद (UBT) के सर्विस रूल्स को मिली मंजूरी
UBT के दो नये शोध केंद्रों के लिए नियमावली में शोध से जुड़ी व्यवस्थाओं को जोड़ा गया है। इससे जैव प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा।
2️⃣ खनन निरीक्षण के लिए 18 नये पदों को स्वीकृति
बागेश्वर क्षेत्र में खनन निरीक्षण को मजबूत करने के लिए 18 नए पद सृजित किए गए हैं। इससे क्षेत्रीय निगरानी और नियंत्रण व्यवस्था बेहतर होगी।
3️⃣ आसन बैराज को बाढ़ परिक्षेत्र घोषित करने की अधिसूचना को मंजूरी
भट्टा फॉल से लेकर आसन बैराज तक 53 किमी क्षेत्र को बाढ़ परिक्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। यह निर्णय बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
4️⃣ बाढ़ परिक्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण को स्वीकृति
रिस्पना और बिंदाल नदियों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब STP, एलिवेटेड रोड, रोपवे, मोबाइल टावर और हाई टेंशन लाइन जैसी संरचनाओं के निर्माण की अनुमति मिल गई है।
5️⃣ PWD के 5 निरीक्षण भवन PPP मोड में विकसित होंगे
रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबिट्टा, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित PWD के गेस्ट हाउस अब PPP मोड में विकसित किए जाएंगे। इन्हें विश्वस्तरीय गेट हाउस के रूप में तैयार किया जाएगा।
6️⃣ महिला एवं बाल विकास विभाग को 1% सेस खर्च करने की मंजूरी
अब विभाग आबकारी विभाग से मिलने वाले 1% सेस को उपयोग करने की नई नियमावली के तहत खर्च कर सकेगा, जिससे महिला सशक्तिकरण योजनाओं को मजबूती मिलेगी।
🏥 पैरा-मेडिकल शिक्षा को मिली नई काउंसिल की मंजूरी
उत्तराखंड पैरामेडिकल एक्ट 2009 और नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के तहत उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य देखरेख परिषद (Council) गठित की जाएगी। यह परिषद पाठ्यक्रम, पंजीकरण और मानकों में एकरूपता लाएगी।
धामी सरकार की यह कैबिनेट बैठक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे विविध क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों और बुनियादी ढांचे के विस्तार की दिशा में एक और ठोस कदम माना जा रहा है।