
पटना, 15 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने चुनावी अभियान को और धारदार बना दिया है। बुधवार को पार्टी ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी करते हुए 12 नामों की घोषणा की। इस सूची में एक ओर युवा और नए चेहरों को प्राथमिकता दी गई है, तो वहीं कुछ पुराने विधायकों के टिकट काटकर यह संदेश दिया गया है कि बीजेपी अब “परफॉर्मेंस, जनसंपर्क और स्वच्छ छवि” को प्राथमिकता दे रही है।
मैथिली ठाकुर का एंट्री – मिथिला की बेटी बनी भाजपा का चेहरा
दूसरी सूची का सबसे चर्चित नाम लोकगायिका मैथिली ठाकुर का रहा, जिन्हें दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। मिथिला की लोकसंस्कृति की पहचान मानी जाने वाली मैथिली ठाकुर ने कुछ ही समय पहले भाजपा की सदस्यता ली थी, और अब उन्हें टिकट देकर पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह “संस्कृति और युवा नेतृत्व” दोनों को एकसाथ साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
मैथिली ठाकुर के टिकट पर भाजपा ने कहा —
“मिथिला की बेटी अब बिहार की आवाज बनेगी। संस्कृति, परंपरा और आधुनिक सोच के संगम के रूप में मैथिली ठाकुर पार्टी की नई दृष्टि का प्रतिनिधित्व करती हैं।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मैथिली ठाकुर का चुनावी मैदान में उतरना न केवल मिथिला क्षेत्र के मतदाताओं को आकर्षित करेगा बल्कि महिला और युवा वर्ग में भी पार्टी की छवि को सशक्त करेगा।
पूर्व IPS आनंद मिश्रा को बक्सर सदर से टिकट – सख्त छवि पर भरोसा
दूसरी सूची में शामिल एक और बड़ा नाम है पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा का, जिन्हें बक्सर सदर सीट से मैदान में उतारा गया है। असम में अपने कार्यकाल के दौरान कड़े प्रशासनिक फैसलों और ईमानदार छवि के लिए मशहूर रहे मिश्रा को बीजेपी ने इस बार “क्लीन गवर्नेंस और मजबूत नेतृत्व” के प्रतीक के रूप में पेश किया है।
आनंद मिश्रा की एंट्री को लेकर भाजपा के प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि —
“पार्टी अब ऐसे उम्मीदवार चाहती है जिनके पास प्रशासनिक अनुभव और जनता से सीधा संवाद हो। बिहार में विकास के लिए ऐसे जनप्रतिनिधि जरूरी हैं जो व्यवस्था में बदलाव लाने का साहस रखते हों।”
कई पुराने चेहरों की छुट्टी, टिकट बंटवारे में दिखा बदलाव का संकेत
बीजेपी की इस सूची में जहां नए चेहरे शामिल किए गए हैं, वहीं कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट काट दिए गए हैं।
बाढ़ सीट से मौजूदा विधायक ज्ञानेंद्र ज्ञानू को पार्टी ने टिकट नहीं दिया।
इसी तरह छपरा सीट से विधायक सी.एन. गुप्ता का भी टिकट काटकर पार्टी ने यहां से छोटी कुमारी को उम्मीदवार बनाया है।
गोपालगंज सीट पर भी मौजूदा विधायक कुसुम देवी की जगह नए प्रत्याशी को उतारा गया है।
राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा के “परफॉर्मेंस बेस्ड टिकट वितरण” के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि अब केवल वफादारी नहीं, बल्कि काम और जनसंपर्क के आधार पर टिकट मिलेगा।
सोनपुर से विनय कुमार सिंह को दोबारा टिकट, संगठन के प्रति समर्पण का इनाम
जहां कुछ नेताओं की जगह नए उम्मीदवार आए हैं, वहीं सोनपुर विधानसभा सीट से विधायक विनय कुमार सिंह को दोबारा मौका दिया गया है।
संगठन के प्रति समर्पण और स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ को देखते हुए पार्टी ने उन पर एक बार फिर भरोसा जताया है।
सूत्रों के मुताबिक, विनय सिंह की क्षेत्र में विकास कार्यों और बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की भूमिका निर्णायक रही है।
83 सीटों पर घोषित उम्मीदवार — बीजेपी की तैयारी लगभग पूरी
बीजेपी ने अब तक कुल 83 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं।
पहली सूची में 71 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी, जबकि दूसरी सूची में 12 नए नाम जोड़े गए हैं।
एनडीए में हुए सीट बंटवारे के अनुसार, बीजेपी 101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
बाकी सीटों पर जदयू, लोजपा (रामविलास) और अन्य सहयोगी दल चुनावी मैदान में हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि —
“भाजपा ने इस बार टिकट वितरण में युवाओं, महिलाओं और सामाजिक विविधता का पूरा ध्यान रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में डबल इंजन की सरकार एक बार फिर प्रचंड बहुमत से लौटेगी।”
नई रणनीति: “स्थानीय चेहरा + ईमानदार छवि” का कॉम्बिनेशन
चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि इस बार भाजपा ने उम्मीदवारों के चयन में स्थानीय पहचान, ईमानदारी और संगठनात्मक सक्रियता को तरजीह दी है।
पार्टी अब सिर्फ़ जातीय समीकरणों पर नहीं, बल्कि “पब्लिक कनेक्ट” और “ग्राउंड पर परफॉर्मेंस” के आधार पर टिकट दे रही है।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार के अनुसार —
“बीजेपी अब नए तरह की राजनीति कर रही है। पार्टी चाहती है कि प्रत्याशी खुद अपने बूते चुनाव जीतें, न कि सिर्फ़ पार्टी के प्रतीक पर। मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा जैसे नाम इस रणनीति के उदाहरण हैं।”
महिलाओं और युवाओं पर विशेष फोकस
बीजेपी की दूसरी सूची में खासतौर पर महिला और युवा उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी गई है। छपरा सीट से छोटी कुमारी, अलीनगर से मैथिली ठाकुर और कुछ अन्य युवा नेताओं को मैदान में उतारकर पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह बिहार की नई पीढ़ी को नेतृत्व देने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष: बीजेपी ने दिया “परफॉर्मेंस ही पहचान” का संदेश
बिहार में चुनावी जंग जैसे-जैसे करीब आ रही है, बीजेपी का रुख और स्पष्ट होता जा रहा है —“काम करने वाले, जनता से जुड़े और स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार ही पार्टी का भविष्य हैं।”
दूसरी सूची में नए नामों, विशेषकर मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा जैसे चेहरों के आने से यह संदेश मजबूती से गया है कि भाजपा इस बार बिहार में परंपरा और परिवर्तन दोनों को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है।