
नई दिल्ली | ब्यूरो रिपोर्ट: संसद के मानसून सत्र में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा होगी। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ सकते हैं। संसद में लंबे समय से लंबित इस चर्चा के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोपहर 12 बजे सरकार का पक्ष रखेंगे।
16 घंटे की विशेष चर्चा, तीन दिन तक चलेगा मंथन
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली चर्चा के लिए कुल 16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है, जिसे तीन दिनों तक विभाजित किया जाएगा। एजेंडे के अनुसार, यह चर्चा ‘पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की सशक्त, सफल और निर्णायक सैन्य कार्रवाई’ पर केंद्रित होगी।
विपक्ष की सरकार से तीखे सवालों की तैयारी
विपक्ष इस चर्चा में सरकार से ऑपरेशन की समय-सीमा, रणनीति, और परिणामों को लेकर कई तीखे सवाल पूछ सकता है। विपक्षी दलों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर जानकारी को “एकतरफा” नहीं रखा जा सकता। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और डीएमके जैसे दल चर्चा में आक्रामक रुख अपना सकते हैं।
पीएम मोदी के हस्तक्षेप की भी संभावना
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस विशेष चर्चा में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर तथा निशिकांत दुबे भी अपनी बात रख सकते हैं।
भाजपा का पलटवार: ‘गुमराह करने वालों को जवाब मिलेगा’
भाजपा नेता दिलीप घोष ने चर्चा से पहले पश्चिम बंगाल में बयान देते हुए कहा,
“यह अच्छा है कि संसद में हमारी सेना के पराक्रम पर बात होगी। जिन्होंने बार-बार देश को गुमराह किया, उन्हें जवाब मिलेगा। सेना और तकनीक की ताकत से पाकिस्तान को कैसे जवाब दिया गया, यह देश को जानना चाहिए।”
पिछला सप्ताह हंगामे की भेंट, उपराष्ट्रपति के इस्तीफे ने बढ़ाया सियासी तापमान
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र अभी तक लगातार विरोध, नारेबाज़ी और कार्यवाही स्थगित होने से प्रभावित रहा है। इसी दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी थी। ऐसे में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होने वाली चर्चा से संसद में एक नए राजनीतिक समीकरण की झलक देखने को मिल सकती है।