असम सरकार ने मदरसों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार प्रदेश में निजी मदरसों को बंद कर उन्हें सामान्य स्कूलों में बदलने पर विचार कर रही है. सूबे के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि इसके लिए मदरसा संचालकों से बातचीत करने की कोशिश की जा रही है. राज्य में पहले ही सभी निजी मदरसों को बंद कर उन्हें स्कूल में बदल दिया गया है. इसके साथ ही राज्य में अलग-अलग पांच मुस्लिम समुदाय हैं. जिनकी जनगणना की जाएगी, सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. सीएम ने बताया कि सरकार उन गांवों का सत्यापन कर रही है जहां असमिया मुस्लिम समुदायों के लोग रहते हैं.
CM हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि निजी मदरसों को भारतीय के संविधान द्वारा संरक्षित किया गया है. जिसमें ये लिखा है कि अल्पसंख्यक संचालित शैक्षणिक संस्थानों को सरकार छू नहीं कर सकती है. ये संस्थान आरटीई अधिनियम के तहत भी नहीं आते हैं. सीएम ने राज्य में 1000 निजी मदरसों को बंद करने की बात कही. उन्होंने कहा कि राज्य में तीन हजार मदरसों में से 1000 मदरसे बंद किए जा सकते हैं जिसके बाद उनकी संख्या दो हजार रह जाएगी. इसके लिए निजी मदरसा संचालकों के साथ बातचीत की जा रही है.