
नागपुर: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर करारा प्रहार किया है। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हमेशा “फेक नैरेटिव” बनाकर लोगों को गुमराह करते हैं। पवार के मुताबिक, जब कांग्रेस चुनाव जीतती है तो सब कुछ सही लगता है, लेकिन जब वे हारते हैं तो अचानक से वोट चोरी और ईवीएम गड़बड़ी की बातें शुरू कर देते हैं।
यह बयान राहुल गांधी के हालिया आरोपों के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देशभर में वोट चोरी और धांधली की घटनाएं हो रही हैं। अजित पवार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के बयान लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया पर अविश्वास पैदा करते हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 का उदाहरण: ‘जीत में सब सही, हार में गड़बड़ी’
अजित पवार ने लोकसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी की राजनीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:
- “लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 31 सीटें महाविकास आघाड़ी जीती थी और 17 सीटें एनडीए के खाते में गई थीं। तब तो किसी ने वोट चोरी की बात नहीं की, तब सबको ईवीएम मशीनें परफेक्ट लग रही थीं।”
पवार ने कहा कि जब नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं तो चुनाव प्रक्रिया पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता, लेकिन जब वे हार जाते हैं तो अचानक “गड़बड़ी” और “धांधली” की बातें होने लगती हैं।
‘कई राज्यों में जीतकर भी सवाल क्यों नहीं उठाते?’
अजित पवार ने कांग्रेस के दावों को लेकर और भी उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और विपक्षी दलों को ईवीएम पर भरोसा नहीं है तो फिर कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में उनकी जीत कैसे हुई?
- “कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में उनकी सरकार बनी, दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने दो बार जीत हासिल की, पंजाब में भी विपक्षी दलों की सरकार बनी, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने शानदार जीत दर्ज की। तब किसी ने नहीं कहा कि वोटों की चोरी हुई। लेकिन जब कांग्रेस या राहुल गांधी हारते हैं, तभी चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल खड़े किए जाते हैं।”
‘फेक नैरेटिव का जवाब हमने योजनाओं से दिया’
अजित पवार ने आगे कहा कि राहुल गांधी द्वारा फैलाए गए “फेक नैरेटिव” का असर लोकसभा चुनाव के नतीजों में साफ दिखा। उन्होंने स्वीकार किया कि इस नैरेटिव की वजह से एनसीपी और सहयोगी दलों को नुकसान उठाना पड़ा।
लेकिन पवार ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार ने इसके बाद तेजी से योजनाएं लागू कीं और जनता को राहत देने का काम किया।
- “लोकसभा चुनाव के बाद हमने 5-6 महीनों में कई योजनाएं लागू कीं। ‘लाडली बहना योजना’ जैसी योजनाओं से महिलाओं और आम लोगों को सीधा फायदा पहुंचाया। राहुल गांधी के संविधान बदलने के फेक नैरेटिव को हमने खत्म कर दिया और जनता के सामने सच्चाई रखी।”
राहुल गांधी का आरोप और पवार की प्रतिक्रिया
हाल ही में राहुल गांधी ने देशभर में रैलियों में कहा था कि भाजपा चुनावों में “वोट चोरी” कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि ईवीएम और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करके विपक्षी दलों को हराने की कोशिश की जा रही है।
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि यह आरोप सिर्फ जनता को गुमराह करने की कोशिश है।
- “राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं। उन्हें जो बोलना है बोल सकते हैं। लेकिन बार-बार ऐसा कहना कि वोट चोरी हुई, जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ करना है। यह प्रवृत्ति सही नहीं है।”
राजनीति में नैरेटिव की जंग
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा भारतीय राजनीति में नैरेटिव (धारणा) का बड़ा महत्व है। राहुल गांधी लगातार “वोट चोरी” और “संविधान बदलने की साजिश” जैसे मुद्दे उठाकर जनता के बीच चर्चा कायम रखते हैं। वहीं भाजपा और उसके सहयोगी दल इन आरोपों को खारिज कर अपनी योजनाओं और विकास कार्यों के जरिए जनता तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।
अजित पवार का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि अब 2029 की तैयारी विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने शुरू कर दी है और “फेक नैरेटिव बनाम विकास योजनाएं” आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकती हैं।
महाराष्ट्र की सियासत पर असर
महाराष्ट्र में एनसीपी (अजित पवार गुट) भाजपा के साथ सत्ता में है। ऐसे में पवार का यह बयान न सिर्फ राहुल गांधी बल्कि पूरे कांग्रेस नेतृत्व पर हमला माना जा रहा है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह बयान आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उसके बाद की राजनीति में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
अजित पवार ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वे कांग्रेस की “फेक नैरेटिव” वाली राजनीति का जवाब योजनाओं और कामकाज से देंगे। उनका यह बयान आने वाले दिनों में सियासी हलचल को और तेज करेगा।
अब देखने वाली बात होगी कि राहुल गांधी इस बयान का कैसे जवाब देते हैं और क्या कांग्रेस अपने “वोट चोरी” वाले आरोपों को और मजबूत सबूतों के साथ सामने लाती है या नहीं।