
कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. उन्होंने हाल ही में अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी और कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को ‘अनुशासनहीनता’ और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयान देने के आरोप में निष्कासित किया गया. हालांकि पार्टी ने किस खास वजह से निकाला इस बात जिक्र नहीं किया है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को उनके बार-बार पार्टी विरोधी बयानों और अनुशासनहीनता की शिकायतों के चलते छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है.
राम और “राष्ट्र”
पर “समझौता” नहीं किया जा सकता. @RahulGandhi— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) February 11, 2024
एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम और “राष्ट्र” पर “समझौता” नहीं किया जा सकता. उन्होंने ये बात राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कही. उनके इस पोस्ट को कवि कुमार विश्वास ने रिट्वीट करते हुए विनय-पत्रिका से तुलसीदास की पंक्तियां लिखीं. इन पक्तियों का अर्थ है कि जो भी भगवान राम-माता सीता का प्यारा नहीं है उसे करोड़ों शत्रुओं के समान छोड़ देना चाहिए, चाहे वह कितना ही प्यारा क्यों न हो. प्रहलाद ने अपने पिता (हिरण्यकश्यप) को, विभीषण ने अपने भाई (रावण) को और ब्रज-गोपियों ने अपने-अपने पतियों को त्याग दिया था, लेकिन ये सभी आनंद और कल्याण करने वाले हुए. आचार्य प्रमोद का कहना है कि उनकी पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात केवल कल्कि धाम उद्घाटन को लेकर आमंत्रित करने के लिए थी.
“जाके प्रिय न राम-बदैही।
तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही॥
तज्यो पिता प्रहलाद, बिभीषन बंधु, भरत महतारी।
बलि गुरु तज्यो कंत ब्रज-बनितन्हि, भये मुद-मंगलकारी॥” https://t.co/RGAmP7GtH9— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) February 11, 2024