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क्रिप्टो के नाम पर करोड़ों का ‘महाघोटाला’: ED ने 21 ठिकानों पर दी दबिश, फर्जी इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म से देश-विदेश में बिछाया था ठगी का जाल

नई दिल्ली/बेंगलुरु | 23 दिसंबर, 2025 देश में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बेंगलुरु जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली के 21 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। यह पूरी कार्रवाई M/s 4th Bloc Consultants और उससे जुड़े नेटवर्क के खिलाफ की गई है।

2015 से चल रहा था ठगी का ‘मायाजाल’

जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यह गिरोह साल 2015 से सक्रिय था। आरोपियों ने फर्जी क्रिप्टोकरेंसी निवेश प्लेटफॉर्म बना रखे थे, जो दिखने में बिल्कुल असली लगते थे। इन वेबसाइटों के जरिए निर्दोष लोगों को बहुत कम समय में पैसा दोगुना-तिगुना करने का झांसा दिया जाता था। कर्नाटक पुलिस की एफआईआर और खुफिया इनपुट के आधार पर जब ईडी ने जांच शुरू की, तो परतें खुलती चली गईं।

ठगी का ‘मोडस ऑपरेंडी’: सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया का सहारा

जांच एजेंसी के मुताबिक, इस गिरोह ने ठगी के लिए मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) मॉडल का इस्तेमाल किया। इनके काम करने का तरीका कुछ इस प्रकार था:

  • भरोसा जीतना: शुरुआत में कुछ निवेशकों को छोटा रिटर्न वापस दिया जाता था ताकि वे सिस्टम पर भरोसा कर सकें और अपने साथ अन्य लोगों को भी जोड़ें।

  • फेक विज्ञापन: फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर बड़े पैमाने पर विज्ञापन चलाए गए।

  • हस्तियों का दुरुपयोग: गिरोह ने बिना अनुमति के नामी क्रिप्टो एक्सपर्ट्स और मशहूर हस्तियों की तस्वीरों का इस्तेमाल अपने विज्ञापनों में किया, ताकि लोग इसे वैध निवेश समझें।

क्रिप्टो वॉलेट से हवाला तक का सफर

ईडी की जांच में सामने आया कि यह सिर्फ एक निवेश धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक जटिल मनी लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट है। ठगी से जुटाए गए फंड को ठिकाने लगाने के लिए आरोपियों ने:

  1. दर्जनों फर्जी क्रिप्टो वॉलेट और शेल कंपनियां बनाईं।

  2. P2P (पीयर-टू-पीयर) ट्रांजैक्शन और हवाला के जरिए पैसे को भारत से बाहर भेजा।

  3. विदेशों में गुप्त बैंक खाते और कंपनियां खोलीं ताकि काले धन को सफेद किया जा सके।

  4. इस अवैध कमाई से भारत और विदेशों में करोड़ों की चल-अचल संपत्तियां खरीदी गईं।

छापेमारी में ईडी के हाथ लगे बड़े सबूत

18 दिसंबर को हुई इस छापेमारी के दौरान ईडी को कई महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। जांच एजेंसी ने ऐसे कई क्रिप्टो वॉलेट एड्रेस का पता लगाया है, जिनका उपयोग अपराध की कमाई को स्टोर करने के लिए किया जा रहा था। इसके अलावा, विदेशी बैंक खातों के दस्तावेज और बेनामी संपत्तियों के कागजात भी जब्त किए गए हैं।

निवेशकों के लिए चेतावनी

इस कार्रवाई के बाद साइबर एक्सपर्ट्स और जांच एजेंसियों ने आम जनता को सलाह दी है कि किसी भी गैर-पंजीकृत क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर निवेश न करें। “गारंटीड रिटर्न” का वादा करने वाली कोई भी स्कीम धोखाधड़ी हो सकती है।

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