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उत्तराखंड में एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम — ‘RAMP’ कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन

देहरादून, 31 अक्टूबर: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा उद्योग विभाग, उत्तराखंड सरकार के सहयोग से विश्व बैंक समर्थित “रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP)” कार्यक्रम के तहत देहरादून में एक Competitive Composite Workshop का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य उत्तराखंड सहित देशभर में एमएसएमई (Micro, Small and Medium Enterprises) क्षेत्र को मजबूत बनाना, उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाना तथा मंत्रालय की नई पहल और योजनाओं के बारे में जानकारी देना था।

राज्य की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का अहम योगदान

कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड सरकार के सचिव (मा. मुख्यमंत्री, एमएसएमई एवं औद्योगिक विकास) विनय शंकर पांडेय ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में लगभग 3.80 लाख एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में करीब 47 प्रतिशत का योगदान करती हैं।

उन्होंने कहा,

“राज्य सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से एमएसएमई क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा, स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। ‘RAMP’ कार्यक्रम के तहत एमएसएमई को ऋण सुविधा, तकनीकी सहयोग और हरित उद्योगों की दिशा में आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।”

केंद्र की प्रमुख योजनाओं पर विस्तृत चर्चा

कार्यशाला में एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं —

  • एमएसएमई चैंपियंस योजना,
  • राष्ट्रीय एससी/एसटी हब योजना,
  • तथा RAMP कार्यक्रम की नई पहलें — जैसे
    • एमएसई ग्रीन इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंसिंग फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MSE-GIFT),
    • एमएसई स्कीम फॉर प्रमोशन एंड इन्वेस्टमेंट इन सर्कुलर इकोनॉमी (MSE-SPICE),
    • एमएसएमई ट्रेड एनेबलमेंट एंड मार्केटिंग (TEAM), और
    • ऑनलाइन डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम फॉर डिलेयड पेमेंट्स

पर विस्तार से चर्चा की गई।

कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने बताया कि इन पहलों के माध्यम से एमएसएमई को डिजिटलाइजेशन, हरित निवेश, और बाजार से सीधा संपर्क स्थापित करने में सहायता मिलेगी। साथ ही TREDS प्लेटफॉर्म, ESG मानकों और वित्तीय सहायता योजनाओं की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी गई।

राज्य की सक्रिय भागीदारी की सराहना

एमएसएमई मंत्रालय की निदेशक अंकिता पांडेय ने उत्तराखंड सरकार की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा,

“उत्तराखंड ने एमएसएमई के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार किया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कार्य कर रहे उद्यमियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है।”

उन्होंने कहा कि मंत्रालय की TEAM पहल के माध्यम से डिजिटल व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के जरिए एमएसएमई को नए राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों से जोड़ा जा रहा है।

राज्य के उद्योग विभाग की भूमिका

डा. सौरभ गहरवार, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग, उत्तराखंड ने कहा कि उद्यमियों को मंत्रालय की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें और प्रतिस्पर्धात्मक रूप से मजबूत बनें।

वहीं, अनुपम द्विवेदी, संयुक्त निदेशक, उद्योग निदेशालय ने कहा कि RAMP कार्यक्रम के तहत राज्य में एमएसएमई को सशक्त और जागरूक बनाने के लिए लगातार कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा,

“राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर ब्लॉक और जिले के उद्यमी तक RAMP की योजनाओं की जानकारी पहुंचे ताकि स्थानीय स्तर पर भी उद्यमिता का विस्तार हो।”

संस्थागत भागीदारी और उद्यमियों की उपस्थिति

कार्यशाला में कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संस्थानों — जैसे SIDBI, NSIC, Invoicemart और Polestarre (ONDC Seller Network Participant) — के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन संस्थानों ने उद्यमियों को वित्तीय सहायता, डिजिटल ट्रेड, मार्केट एक्सेस और क्षमता विकास से जुड़ी नवीनतम प्रक्रियाओं की जानकारी दी।

कार्यक्रम में राज्य के प्रमुख उद्योग संगठनों और उद्यम संघों की सक्रिय उपस्थिति रही। इनमें आईएयू के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, सीआईआई के निदेशक गौरव लाम्बा, पीएचडीसीसीआई के निदेशक राजीव सिंह, लघु उद्योग भारती के केतन भारद्वाज, यूआईडब्ल्यूए के अध्यक्ष सुनील उनियाल, एसएएमयू के अध्यक्ष हरेन्द्र गर्ग, और आईआईई के अध्यक्ष तरुण गोयल शामिल रहे।

साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ समापन

कार्यशाला के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने उत्तराखंड में एमएसएमई क्षेत्र की सतत, प्रतिस्पर्धी और हरित प्रगति के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त किया। सत्र के अंत में राज्य सरकार और एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखंड को एक “इनोवेटिव एमएसएमई हब” बनाने की दिशा में आने वाले वर्षों में ठोस कदम उठाए जाएंगे।


मुख्य बिंदु:

  • विश्व बैंक समर्थित RAMP कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन।
  • राज्य में कार्यरत 3.80 लाख एमएसएमई इकाइयां, जो GDP में 47% योगदान दे रही हैं।
  • एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा, नवाचार और हरित विकास पर बल।
  • MSE GIFT, MSE SPICE, TEAM और ODR स्कीम पर विस्तृत चर्चा।
  • केंद्र और राज्य सरकारों की साझा प्रतिबद्धता — “आत्मनिर्भर उत्तराखंड, सशक्त भारत”

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