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Uttarakhand: श्रमवीरों के सम्मान में बड़ा कदम: मुख्यमंत्री धामी ने ₹11.50 करोड़ की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से जारी की

तीन महीनों में 6 लाख श्रमिकों का पंजीकरण कराने का लक्ष्य, खनन विभाग की पारदर्शिता बनी अन्य राज्यों के लिए मिसाल

देहरादून, 14 अक्टूबर 2025मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को उत्तराखण्ड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UKBCWB) की अहम बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के परिश्रमी श्रमवीरों के कल्याणार्थ ₹11 करोड़ 50 लाख की आर्थिक सहायता राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लगभग 10,000 पंजीकृत श्रमिकों एवं उनके परिजनों के खातों में हस्तांतरित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड के परिश्रमी श्रमिकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का हर कदम इस बात के लिए समर्पित है कि “श्रमवीरों के हाथों का पसीना सूखने से पहले उन्हें उनका अधिकार मिले।


श्रमिकों के पंजीकरण पर सीएम के सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के सभी मनरेगा श्रमिकों को शीघ्रतापूर्वक भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत आच्छादित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों के भीतर कम से कम 5 से 6 लाख श्रमिकों का पंजीकरण पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा,

“श्रमवीरों के कल्याण के लिए संचालित योजनाएँ तभी प्रभावी होंगी, जब अधिकतम श्रमिक उनसे सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। जानकारी के अभाव में कोई भी पात्र श्रमिक योजना से वंचित न रहे — यह सुनिश्चित किया जाए।”

उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पंचायत स्तर तक पहुंच बनाकर श्रमिकों को योजनाओं की जानकारी दें और पंजीकरण अभियान को जनआंदोलन के रूप में चलाएँ।


‘श्रमवीर राज्य की प्रगति की असली नींव हैं’

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार श्रमवीरों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास की असली नींव हमारे श्रमिक भाई-बहनों की मेहनत और समर्पण पर टिकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा —

“राज्य का विकास हमारे श्रमिक भाइयों-बहनों के परिश्रम पर आधारित है। उनके कल्याण में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। सभी मनरेगा श्रमिकों को कल्याण बोर्ड के अंतर्गत लाना हमारा लक्ष्य ही नहीं, यह सरकार की जिम्मेदारी है।”

उन्होंने कहा कि बोर्ड की सभी योजनाओं को अब डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है, ताकि लाभार्थियों तक सहायता तेजी और पारदर्शिता के साथ पहुंच सके।


डीबीटी के माध्यम से 10,000 श्रमिकों को सहायता

बैठक में मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए लगभग 10,000 श्रमिकों एवं उनके परिजनों को ₹11.50 करोड़ की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की।
इसमें शिक्षा सहायता, स्वास्थ्य सहायता, विवाह अनुदान और मृत्यु उपरांत सहायता जैसी योजनाएँ शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं को समयबद्ध, पारदर्शी और मानवीय दृष्टिकोण से लागू किया जाएगा।


अधिकारियों को सीएम की चेतावनी

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी योजना में लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं की जानकारी गांव-गांव और हर श्रमिक तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा,

“श्रम विभाग के अधिकारियों का दायित्व है कि वे हर श्रमिक तक पहुंच बनाएं, उन्हें योजनाओं की जानकारी दें और आवेदन की प्रक्रिया में पूरी मदद करें।”

उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिकों को भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए और सरकार की योजनाओं की जानकारी समय-समय पर लेते रहना चाहिए।


खनन विभाग बना ‘मॉडल डिपार्टमेंट’

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के खनन विभाग की सराहना करते हुए कहा कि विभाग ने पारदर्शिता और सख्त व्यवस्था के बल पर अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।
उन्होंने बताया कि खनन राजस्व में ₹800 करोड़ की अप्रत्याशित वृद्धि सरकार की साफ नीयत और सुदृढ़ नीति का परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के अधिकारी उत्तराखण्ड आकर यहां की खनन नीति और कार्यप्रणाली का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि इसे अपने राज्यों में अपनाया जा सके।

“खनन विभाग ने यह साबित किया है कि ईमानदार नीयत, स्पष्ट नीति और कठोर क्रियान्वयन से किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि अन्य विभागों को भी खनन विभाग की पारदर्शिता और अनुशासन से सीख लेकर अपने कार्यों को परिणामोन्मुख ढंग से लागू करना चाहिए।


‘प्रभावी शासन और जवाबदेही’ पर जोर

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने विभागों में भी दक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था स्थापित करें, जिससे जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ समय पर मिल सके और राज्य के राजस्व में निरंतर वृद्धि हो।

उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजनाएँ बनाना नहीं, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारकर श्रमिकों और आम जनता के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है।


बैठक में शामिल अधिकारी

बैठक में सचिव श्रीधर बाबू अदाकी, अपर सचिव विनीत कुमार, और श्रम विभाग एवं भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधिकारीगण उपस्थित रहे।


‘मेहनत हमारी ताकत है, एकता हमारी पहचान’

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा —“मेहनत हमारी ताकत है, एकता हमारी पहचान है। राज्य सरकार हमारे परिश्रमी श्रमवीरों के हर सुख-दुःख की सहभागी है। उनका कल्याण ही हमारी सरकार का सर्वोच्च लक्ष्य है।”

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