
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज कहा कि यह विदेश में शिक्षकों की ट्रेनिंग से संभव हो पाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह टिप्पणी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने के दिल्ली सरकार के फैसले में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के दखल पर कर रहे थे।
सीएम ने कहा कि लोग बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में डाल रहे हैं। यह केवल शिक्षकों के सही प्रशिक्षण के कारण है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की दो करोड़ जनता उनका परिवार है और वह उनके बच्चों को अपने से अलग नहीं मानते।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं वही शिक्षा सुनिश्चित करना चाहता हूं जो मैंने अपने बच्चों को प्रदान की है। इसलिए हम शिक्षा पर इतना खर्च करते हैं। हजारों शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लेकिन एलजी कह रहे हैं कि हमें उन्हें भारत में प्रशिक्षित करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “इस तरह की सामंती सोच ने हमें पीछे छोड़ दिया है।” दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों की सीमा पर टिप्पणी करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि के अलावा, एलजी के पास कोई शक्ति नहीं है।
केजरीवाल ने कहा, “यह लोकतंत्र है और अगर हम कहते हैं कि शिक्षक जाएंगे, तो उन्हें जाना चाहिए।” बता दें कि सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षकों के विदेश में ट्रेनिंग के जाने को लेकर उपराज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन किया था।