
देहरादून | 23 दिसम्बर 2025 उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के पुरोधा और ‘उत्तराखंड के गांधी’ के नाम से विख्यात स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें भावपूर्ण नमन किया। जयंती की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने बडोनी जी के त्याग, संघर्ष और राज्य के प्रति उनकी दूरगामी दृष्टि को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्य आंदोलन के ‘शिखर पुरुष’ को नमन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य की अवधारणा को धरातल पर उतारने में स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि बडोनी जी केवल एक नेता नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, संस्कारों और पहाड़ी अस्मिता के सजग प्रहरी थे।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा:
“स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी 1994 के ऐतिहासिक राज्य आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार थे। उनके नेतृत्व ने बिखरे हुए जनमानस को एक सूत्र में पिरोया और अहिंसक मार्ग पर चलते हुए एक अलग राज्य की नींव रखी। देवभूमि के प्रति उनका समर्पण आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का पुंज है।”
पहाड़ के विकास की स्पष्ट सोच
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बडोनी जी पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए हमेशा एक स्पष्ट विजन रखते थे। वे चाहते थे कि उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचें और पहाड़ का पानी व जवानी पहाड़ के ही काम आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलन में उनके सक्रिय सहयोग और आमजन को जोड़ने की उनकी अद्भुत क्षमता को इतिहास में सदैव स्वर्ण अक्षरों में याद रखा जाएगा।
‘विकसित उत्तराखंड’ का संकल्प
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बडोनी जी की जयंती का अवसर केवल उनके स्मरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिन हमें उत्तराखंड को देश का विकसित और अग्रणी राज्य बनाने की शपथ लेने के लिए प्रेरित करता है। सरकार उनके सपनों के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर उत्तराखंड’ की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है, जिसमें पहाड़ की संस्कृति और विकास का अनूठा समन्वय हो।
स्व. इंद्रमणि बडोनी: एक नजर में (Quick Facts)
| विवरण | जानकारी |
| नाम | स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी |
| उपाधि | उत्तराखंड के गांधी |
| जन्म | 24 दिसंबर (जयंती के रूप में लोक संस्कृति दिवस भी मनाया जाता है) |
| प्रमुख योगदान | पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन का नेतृत्व |
| विशेषता | अहिंसक आंदोलन और लोक संस्कृति (चौंफला नृत्य) के संरक्षक |
निष्कर्ष: जन-जन के हृदय में जीवित हैं बडोनी जी
इंद्रमणि बडोनी जी का व्यक्तित्व सादगी और दृढ़ संकल्प का मेल था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब उत्तराखंड विकास के नए आयाम छू रहा है, तब बडोनी जी जैसे महापुरुषों का संघर्ष ही हमें नैतिकता और सेवाभाव के मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करता है। प्रदेश के युवा उनके जीवन से अनुशासन और मातृभूमि के प्रति प्रेम की सीख ले सकते हैं।



