UP: पूर्व विधायक विजय मिश्रा पर ED का शिकंजा: लखनऊ की विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग चार्जशीट पर लिया संज्ञान, परिवार भी रडार पर
नई दिल्ली/लखनऊ | 22 दिसंबर 2025 उत्तर प्रदेश के बाहुबली राजनीतिज्ञ और पूर्व विधायक विजय मिश्रा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लखनऊ स्थित एक विशेष अदालत ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा विजय मिश्रा, उनकी पत्नी और उनके करीबियों के खिलाफ दायर अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) पर आधिकारिक रूप से संज्ञान ले लिया है। यह मामला आय के ज्ञात स्रोतों से करोड़ों रुपये की अधिक संपत्ति जुटाने और धन शोधन (Money Laundering) से जुड़ा है।
1. पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप
ED की जांच में केवल विजय मिश्रा ही नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार जांच के घेरे में है। 31 जुलाई 2024 को दायर की गई इस चार्जशीट में जिन प्रमुख नामों को शामिल किया गया है, वे हैं:
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विजय मिश्रा: पूर्व विधायक (मुख्य आरोपी)।
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रामलाली मिश्रा: विजय मिश्रा की पत्नी।
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विष्णु मिश्रा: विजय मिश्रा का बेटा।
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भोलानाथ राजपति शुक्ला: विजय मिश्रा का करीबी सहयोगी।
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VSP स्टारर रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड: मिश्रा परिवार द्वारा स्थापित कंपनी, जिसका उपयोग कथित तौर पर अवैध संपत्ति खपाने के लिए किया गया।
2. आय के स्रोतों से अधिक संपत्ति का मामला
ED के अधिकारियों के अनुसार, विजय मिश्रा ने विधायक रहने के दौरान अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति अर्जित की।
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अवैध निवेश: जांच एजेंसी का दावा है कि अपराध की कमाई (Proceeds of Crime) को ‘VSP स्टारर रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड’ जैसी शेल कंपनियों और रियल एस्टेट संपत्तियों में निवेश किया गया।
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PMLA एक्ट: यह पूरी कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत की जा रही है। अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने का मतलब है कि अब आरोपियों के खिलाफ ट्रायल (मुकदमा) औपचारिक रूप से शुरू होगा।
3. बाहुबली से कैदी तक का सफर
विजय मिश्रा, जो भदोही की ज्ञानपुर सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं, लंबे समय से जेल में बंद हैं। उन पर सामूहिक दुष्कर्म, हत्या की कोशिश और संपत्ति हड़पने जैसे दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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संपत्ति की कुर्की: इससे पहले भी प्रशासन और ED ने विजय मिश्रा की करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति को कुर्क (Attach) किया है।
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गैंगस्टर एक्ट: यूपी सरकार ने उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कड़ी कार्रवाई की है, जिससे उनके राजनीतिक और आर्थिक साम्राज्य को करारी चोट पहुंची है।
4. क्या है आगे की राह?
विशेष अदालत द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लेना मिश्रा परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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गिरफ्तारी की तलवार: इस मामले में संज्ञान लेने के बाद अब कोर्ट आरोपियों को समन जारी कर पेश होने का आदेश देगा।
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कड़ी सजा का प्रावधान: यदि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपियों को भारी जुर्माने के साथ 3 से 7 साल तक की कड़ी कैद हो सकती है।
निष्कर्ष: भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’
विजय मिश्रा पर ED की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में माफियाओं और भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ जारी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा है। यह मामला दर्शाता है कि जांच एजेंसियां अब बाहुबलियों के आर्थिक तंत्र (Financial Backbone) को तोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।



