
नई दिल्ली/पणजी। गोवा के एक नाइट क्लब में हुए भीषण अग्निकांड में 25 लोगों की दर्दनाक मौत के मामले में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। इस हादसे के मुख्य आरोपियों और नाइट क्लब के मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। दोनों भाई आग लगने के कुछ ही घंटों बाद देश छोड़कर फरार हो गए थे, लेकिन थाईलैंड में की गई एक मामूली चूक ने उनकी मौजूदगी का खुलासा कर दिया, जिसके बाद वे थाई अधिकारियों के शिकंजे में आ गए।
सूत्रों के मुताबिक, लूथरा भाई अग्निकांड के बाद दिल्ली से थाईलैंड के फुकेत भाग गए थे। भारतीय जांच एजेंसियां लगातार उनकी लोकेशन ट्रैक करने में जुटी थीं। इसी दौरान थाईलैंड पहुंचने के बाद होटल से बाहर निकलकर खाना खाने जाना उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई, जिससे उनकी पहचान उजागर हो गई।
होटल से बाहर निकलते ही पकड़ में आए आरोपी
एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया कि 9 दिसंबर को जब दोनों भाई अपने होटल से बाहर निकले, तभी थाई सुरक्षा एजेंसियों को उनकी मौजूदगी का पुख्ता सुराग मिल गया। भारतीय एजेंसियों से पहले ही अलर्ट मिलने के बाद थाई इमिग्रेशन और स्थानीय पुलिस ने होटल पर निगरानी शुरू कर दी थी।
जैसे ही लूथरा भाई होटल से बाहर निकले, अधिकारियों ने उनकी पहचान और यात्रा दस्तावेजों की जांच की। चूंकि भारतीय एजेंसियां पहले से ही उनके पासपोर्ट और यात्रा विवरणों की पुष्टि कर रही थीं, इसलिए थाई अधिकारियों को पूछताछ में ज्यादा समय नहीं लगा। पहचान की पुष्टि होते ही दोनों को होटल के कमरे से हिरासत में ले लिया गया।
फुकेत से बैंकॉक, फिर डिटेंशन सेंटर
पहचान पुख्ता होने के बाद लूथरा भाइयों को आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए थाई इमिग्रेशन विभाग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद शुक्रवार को उन्हें फुकेत से बैंकॉक लाया गया और फिलहाल उन्हें सुआन फ्लू इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, वे वहीं रहेंगे जब तक कि भारत सरकार की ओर से प्रत्यर्पण और डिपोर्टेशन से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं। भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की एक टीम के जल्द ही बैंकॉक पहुंचने की संभावना है, जो दोनों आरोपियों को औपचारिक रूप से हिरासत में लेकर भारत लाएगी।
भारतीय दूतावास निभा रहा अहम भूमिका
मामले में भारतीय दूतावास भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। चूंकि लूथरा भाइयों के पासपोर्ट पहले ही रद्द किए जा चुके हैं, इसलिए उनके भारत लौटने को वैध बनाने के लिए दूतावास द्वारा आपातकालीन यात्रा प्रमाण पत्र (Emergency Travel Document) जारी किया जाएगा। इसी के आधार पर दोनों आरोपियों को भारत डिपोर्ट किया जाएगा।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया भारत और थाईलैंड के बीच मौजूद द्विपक्षीय समझौतों और इमिग्रेशन नियमों के तहत पूरी की जा रही है, जिससे प्रत्यर्पण में किसी तरह की तकनीकी अड़चन न आए।
कैसे हुआ था भीषण अग्निकांड
गौरतलब है कि 6 दिसंबर की आधी रात के आसपास उत्तरी गोवा के अरपोरा गांव स्थित एक नाइट क्लब में भीषण आग लग गई थी। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें क्लब के कर्मचारी और कुछ पर्यटक शामिल थे। आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला।
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नाइट क्लब में अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। आपातकालीन निकास मार्ग, फायर अलार्म और अग्निशमन उपकरण या तो नाकाफी थे या काम नहीं कर रहे थे। यही वजह रही कि आग लगने के बाद हालात बेकाबू हो गए।
मालिकों की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल
घटना के बाद गोवा पुलिस ने नाइट क्लब प्रबंधन और मालिकों की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। जांच एजेंसियों का कहना है कि बिना जरूरी सुरक्षा मानकों और अनुमति के क्लब का संचालन किया जा रहा था। जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, क्लब के मालिक गौरव और सौरभ लूथरा देश छोड़कर फरार हो गए।
उनके फरार होने को जांच एजेंसियों ने दोष स्वीकारने जैसा संकेत माना था। इसके बाद उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से संपर्क साधा गया।
प्रत्यर्पण के बाद क्या होगा आगे
भारत लाए जाने के बाद लूथरा भाइयों से गोवा पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां पूछताछ करेंगी। उन पर गैर इरादतन हत्या, आपराधिक लापरवाही, सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
कानूनी जानकारों के अनुसार, यह मामला न सिर्फ गोवा बल्कि पूरे देश में नाइट क्लबों, पब और मनोरंजन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह मामला कड़ी सजा और कड़ा कानूनी उदाहरण बन सकता है।
देशभर में सुरक्षा मानकों पर बहस तेज
इस हादसे के बाद देशभर में नाइट क्लबों और भीड़भाड़ वाले मनोरंजन स्थलों की सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है। कई राज्यों में प्रशासन ने फायर सेफ्टी ऑडिट शुरू कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ हादसों के बाद कार्रवाई करने की बजाय, नियमित निरीक्षण और सख्त अनुपालन जरूरी है।
निष्कर्ष
गोवा नाइट क्लब अग्निकांड न सिर्फ 25 परिवारों के लिए एक अपूरणीय त्रासदी है, बल्कि यह सिस्टम की बड़ी नाकामी को भी उजागर करता है। लूथरा भाइयों की गिरफ्तारी और संभावित प्रत्यर्पण से जांच को नई दिशा मिलेगी, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि भारत लौटने के बाद कानून अपना काम कितनी सख्ती और पारदर्शिता से करता है।



