हरिद्वार। रोशनाबाद क्षेत्र में सोमवार देर रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। देशी शराब के ठेके के पीछे स्थित अस्थायी स्टोर में अचानक लगी आग में एक युवक की जलकर मौत हो गई। आग इतनी भीषण थी कि मृतक की पहचान तक नहीं हो सकी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है, जबकि आग की वजह और मृतक की पहचान को लेकर जांच चल रही है।
कैसे लगी आग? रात में गत्तों से उठी लपटें
जानकारी के अनुसार, शराब ठेके के पीछे टीन शेड जैसा एक अस्थायी स्टोर बना हुआ था, जहां बड़ी संख्या में शराब की खाली पेटियों के गत्ते रखे थे। देर रात अचानक इन गत्तों में आग भड़क उठी। चूंकि स्टोर खुला था और पेटियां सूखी थीं, इसलिए आग कुछ ही मिनटों में तेज लपटों में बदल गई।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, ठंड तेज होने के कारण अक्सर रात में कई लोग इस शेड के आस-पास सोते थे। आशंका जताई जा रही है कि ठंड से बचने के लिए किनारे जलाए गए गत्तों की आग ने तेजी से स्टोर में रखी पेटियों को अपनी चपेट में ले लिया।
112 पर मिली सूचना, पुलिस और दमकल टीम तुरंत मौके पर रवाना
रात करीब 1 बजे डायल–112 पर एक कॉल मिली कि रोशनाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित देशी शराब ठेके के पीछे लगी पेटियों में आग धधक रही है। सूचना मिलते ही सिडकुल थाना पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। आग इतनी तेजी से फैल चुकी थी कि उसे काबू करने में दमकल कर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
काफी देर की जद्दोजहद के बाद जब आग पर नियंत्रण पाया गया, तभी टीम को जली हुई पेटियों के बीच एक शव पड़ा मिला। आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि शव पूरी तरह झुलस चुका था और पहचान करना लगभग असंभव था।
एक के बाहर आने की सूचना, लेकिन दूसरा फंस गया भीतर
घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय व्यक्ति काशी ने पुलिस को बताया कि वह अक्सर उसी शेड में सोता है। उसके साथ अशोक नाम का एक अन्य व्यक्ति भी वहीं रात बिताता है। काशी के मुताबिक, हादसे वाली रात भी वे लोग वहीं मौजूद थे। आग लगते ही वह चिल्लाते हुए बाहर निकला और उसने एक युवक को बाहर निकालने में मदद की। लेकिन यह ध्यान नहीं रहा कि कोई और भी शेड के पीछे मौजूद हो सकता है।
काशी का दावा है कि कई बार शराब पीने वाले भटकते लोग भी ठंड से बचने के लिए रात में उसी स्थान पर सो जाते हैं। ऐसे में यह आशंका और गहरी हो जाती है कि मृतक कोई ऐसा ही व्यक्ति रहा हो, जिसकी किसी को भनक नहीं लगी।
मौके पर पहुंची पुलिस, फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य
सूचना मिलते ही सिडकुल थाना प्रभारी नितेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुँची। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि आग बाहर जलाए गए गत्तों से फैलकर स्टोर तक पहुँची, जहाँ सूखी पेटियां बड़ी मात्रा में रखी हुई थीं। फिलहाल पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है, ताकि आग लगने से पहले और बाद की गतिविधियों का पूरा क्रम समझा जा सके।
फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से नमूने एकत्र किए हैं, जिससे आग के वास्तविक कारण का पता लगाया जा सके। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि कहीं आग लगी या लगाई गई—इस दिशा में भी पुलिस सतर्कता से हर बिंदु की पड़ताल कर रही है।
मृतक की पहचान बड़ी चुनौती, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शव बुरी तरह जला हुआ मिला। न तो चेहरे की पहचान संभव है और न ही किसी तरह के कपड़ों का निशान मिल पाया है। पुलिस मृतक के शरीर पर मिले अवशेषों, आसपास की गतिविधियों और गुमशुदगी की संभावित रिपोर्टों के आधार पर पहचान की कोशिश कर रही है।
एसओ नितेश शर्मा ने बताया कि,
“हम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। मृतक की पहचान के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई महत्वपूर्ण बिंदु स्पष्ट हो जाएंगे।”
स्थानीय लोगों में डर और बेचैनी
घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग इस बात से चिंतित हैं कि शराब ठेके के पास बने अस्थायी ढांचों में लोगों का सोना जोखिम भरा है। कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे स्टोरों को नियमानुसार सुरक्षित स्थान पर बनाया जाए और बेघर या भटकने वाले लोगों के लिए सर्दी में रात गुजारने की सुरक्षित व्यवस्था की जाए।
प्रशासन की निगरानी बढ़ी, सुरक्षा मानकों की जांच के आदेश
घटना के बाद जिला प्रशासन ने भी शराब स्टोरों और उनके आसपास सुरक्षा मानकों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जहां भी ज्वलनशील सामग्री रखी जाती है, वहां अग्नि सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता और रख-रखाव अनिवार्य है। इस हादसे ने इन नियमों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
निष्कर्ष
रोशनाबाद की यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्थाओं की अनदेखी का गंभीर उदाहरण है। एक युवक अपनी जान गंवा बैठा, और यही सवाल अब सबसे बड़ा बनकर सामने है—क्या यह दुर्घटना टाली जा सकती थी? फिलहाल पुलिस की जांच जारी है और मृतक की पहचान होने के बाद ही मामले की तस्वीर और साफ होगी।



