
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन सत्र शुरू होते ही माहौल एक बार फिर टकरावपूर्ण दिख रहा है। सोमवार को सत्र का दूसरा दिन पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया था। विपक्ष द्वारा SIR मुद्दे (Special Investigation Request या विपक्ष द्वारा उठाया गया संवेदनशील मामला) पर चर्चा की मांग और सरकार की ओर से असहमति के चलते लोकसभा और राज्यसभा—दोनों सदनों की कार्यवाही को 3 दिसंबर सुबह 11 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
SIR मुद्दे पर विपक्ष-मोदी सरकार के बीच सीधा टकराव
विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि सरकार सदन में इस मुद्दे पर विस्तृत बयान दे और चर्चा कराए। वहीं सरकार का कहना है कि सदन का एजेंडा विपक्ष नहीं तय कर सकता।
सत्र के दूसरे दिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने SIR पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष बिना किसी ठोस वजह के सदन की कार्यवाही बाधित कर रहा है, जिससे महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा प्रभावित हो रही है।
सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “विपक्ष तय नहीं कर सकता कि सरकार क्या करे। यह संवैधानिक प्रक्रियाओं के खिलाफ है।”
विपक्ष की दलील है कि लोकतंत्र में जवाबदेही सर्वोपरि है और ऐसे मुद्दों पर संसद ही सर्वोच्च मंच है जहां सरकार को जवाब देना चाहिए।
तीसरे दिन भी हंगामे की पूरी संभावना
संसद के सूत्रों का कहना है कि दोनों सदनों का माहौल मंगलवार को भी टकरावपूर्ण रहेगा।
विपक्ष ने संकेत दिया है कि जब तक SIR मुद्दे पर पूर्ण चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती, वे शांत नहीं बैठेंगे।
सत्ता पक्ष भी अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण बिलों पर विचार शामिल है।
भाजपा बनाम कांग्रेस: ‘कुत्ता विवाद’ ने बढ़ाया तनाव
संसद परिसर में सोमवार को एक और अनोखा विवाद खड़ा हो गया, जिसने राजनीतिक हलकों में गर्मी बढ़ा दी।
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी अपनी गाड़ी में एक कुत्ते के साथ संसद परिसर पहुंचीं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने टिप्पणी की—
“अंदर बैठे लोग काटते हैं, कुत्ते नहीं।”
उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और भाजपा ने इसे संसद की मर्यादा पर हमला करार दिया।
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा,
“कांग्रेस ने न केवल संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि वहां काम करने वाले सभी सांसदों, सुरक्षाकर्मियों, अधिकारियों और कर्मचारियों का भी अपमान किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि संसद जैसा पवित्र संस्थान किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए स्थान नहीं है।
भाजपा ने राहुल गांधी का भी नाम शामिल करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व इस तरह की राजनीति को बढ़ावा दे रहा है, जो लोकतांत्रिक संस्थानों के प्रति असम्मान दर्शाता है।
कांग्रेस की ओर से हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक जवाब सामने नहीं आया है।
संसद के समक्ष चुनौतियाँ: विधायी कामकाज प्रभावित
संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर कम अवधि का होता है और सरकार इसमें कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करवाने की कोशिश करती है।
लेकिन लगातार हंगामे और विपक्ष-सरकार के बीच टकराव के चलते कामकाज गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।
संसद के अनुभवी सदस्यों का कहना है कि इस तरह की स्थिति लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए ठीक नहीं है।
क्या है आगे का राजनीतिक परिदृश्य?
- विपक्ष SIR पर जवाब और विस्तृत चर्चा चाहता है
- सरकार अपने विधायी एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध
- दोनों सदनों में आज भी टकराव की आशंका
- ‘कुत्ता विवाद’ से राजनीतिक बयानबाज़ी और तेज होने की संभावना
संसद का तीसरा दिन किस दिशा में जाएगा, यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों पक्ष किस हद तक बातचीत के जरिए स्थिति को सामान्य करने में सफल होते हैं।



