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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में रिकॉर्ड मतदान, सीमांचल के जिलों में टूटा वोटिंग का पिछला रेकॉर्ड

किशनगंज में सबसे ज्यादा 76.26% मतदान, पूर्णिया और अररिया में भी उमड़ा जनसैलाब — पहले चरण से अधिक पड़ी वोटिंग

नई दिल्ली, 11 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं ने लोकतंत्र का अभूतपूर्व उत्सव मनाया। राज्य के विभिन्न जिलों में सोमवार को हुए मतदान में शाम पांच बजे तक 67.14 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई, जो पहले चरण के 65.1 प्रतिशत से लगभग दो प्रतिशत अधिक है।

इस चरण में कुल 122 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें सीमांचल के जिलों — किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया — के मतदाताओं ने भारी उत्साह दिखाया। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि कई बूथों पर शाम पांच बजे के बाद भी लंबी कतारें देखी गईं, जिससे अंतिम प्रतिशत में और वृद्धि संभव है।

यह आंकड़ा आज़ादी के बाद बिहार के विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत में से एक माना जा रहा है।


किशनगंज बना राज्य का सबसे आगे रहने वाला जिला

दूसरे चरण के मतदान में सीमांचल का जिला किशनगंज शीर्ष पर रहा। यहां शाम पांच बजे तक 76.26 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि इस जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतारें लगी रहीं।

महिलाओं और युवाओं में मतदान को लेकर विशेष उत्साह देखा गया। स्थानीय प्रशासन ने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और बूथों पर पर्याप्त सुविधाओं के कारण मतदान शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से संपन्न होने की जानकारी दी।

एक वरिष्ठ चुनाव अधिकारी ने कहा, “किशनगंज के ग्रामीण इलाकों में पहली बार इस तरह की भागीदारी देखी गई है। यह लोकतंत्र के प्रति जनता की आस्था को दर्शाता है।”


पूर्णिया दूसरे स्थान पर, मतदान में जोश बरकरार

किशनगंज के बाद पूर्णिया जिला मतदान प्रतिशत के मामले में दूसरे स्थान पर रहा, जहां 73.79 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिले के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर भारी भीड़ रही।

पूर्णिया में कुल सात विधानसभा सीटें हैं, जिनमें मतदान के दौरान कहीं से भी किसी प्रकार की बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। प्रशासन ने कहा कि मतदाताओं ने शांतिपूर्ण वातावरण में चुनाव को लोकतंत्र का पर्व बना दिया।

स्थानीय अधिकारी के अनुसार, “पूर्णिया के कई बूथों पर मतदान समाप्ति समय के बाद भी मतदाता कतार में खड़े रहे। इससे स्पष्ट है कि जनता में लोकतंत्र के प्रति गहरी निष्ठा है।”


अररिया में भी वोटिंग का जोश, सीमांचल में एकजुटता दिखी

सीमांचल का तीसरा प्रमुख जिला अररिया भी मत प्रतिशत के मामले में पीछे नहीं रहा। यहां शाम पांच बजे तक 67.79 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह संख्या अभी बढ़ सकती है क्योंकि कई इलाकों में मतदान केंद्रों पर पांच बजे के बाद भी मतदान जारी था।

अररिया की छह विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, और जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। महिला मतदाताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिससे कई बूथों पर लंबी कतारें देखी गईं।

एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “इस बार का मतदान अलग महसूस हुआ। लोगों में बदलाव की उम्मीद के साथ मतदान को लेकर उत्साह पहले से कहीं ज्यादा था।”


कटिहार, सहरसा और मधेपुरा में भी मतदान प्रतिशत ऊंचा

दूसरे चरण में अन्य जिलों — कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, भागलपुर, सुपौल, पूर्णिया, दरभंगा और समस्तीपुर — में भी मतदान प्रतिशत संतोषजनक रहा। कटिहार में करीब 68.5 प्रतिशत, सहरसा में 66.2 प्रतिशत, और मधेपुरा में 65.8 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

चुनाव आयोग के अनुसार, पूरे राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा और किसी बड़े हिंसक घटनाक्रम की सूचना नहीं मिली। आयोग ने कहा कि कुछ इलाकों में ईवीएम की तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं, जिन्हें तुरंत दुरुस्त कर लिया गया।


महिला मतदाताओं की अभूतपूर्व भागीदारी

बिहार के दूसरे चरण के चुनाव में महिला मतदाताओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। कई जिलों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक दर्ज किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में आत्म-सहायता समूहों और सामाजिक संगठनों ने महिलाओं को मतदान के प्रति प्रेरित किया।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, “बिहार की महिलाएं लगातार चुनावी प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। यह लोकतंत्र के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है।”


युवाओं और प्रथम मतदाताओं में दिखा जोश

पहली बार वोट डालने वाले युवाओं में भी विशेष उत्साह रहा। मतदान केंद्रों पर कई युवाओं ने कहा कि वे ‘परिवर्तन की दिशा में अपनी भूमिका निभाने’ के उद्देश्य से मतदान कर रहे हैं।

एक प्रथम मतदाता, पूर्णिया निवासी पूजा कुमारी ने कहा, “यह मेरा पहला वोट है। मैं चाहती हूं कि बिहार में विकास और रोजगार की दिशा में सकारात्मक बदलाव आए।”


सुरक्षा के कड़े इंतजाम, चुनाव शांतिपूर्ण

दूसरे चरण के मतदान के दौरान राज्यभर में सुरक्षा बलों की 60,000 से अधिक टुकड़ियाँ तैनात थीं। सीमांचल और नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष निगरानी रखी गई।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) एच. आर. श्रीनिवास ने बताया कि राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी और आयोग लगातार मॉनिटरिंग करता रहा।


चुनाव आयोग का आभार और आगे की प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने मतदाताओं के शांतिपूर्ण व उत्साही भागीदारी के लिए राज्यवासियों को धन्यवाद दिया। आयोग ने कहा कि मतदान के बाद ईवीएम को सुरक्षित स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है, और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि दूसरे चरण के रिकॉर्ड मतदान ने सभी राजनीतिक दलों की रणनीति को नया मोड़ दे दिया है। बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को लेकर राजनीतिक विश्लेषक इसे “जनता की बढ़ती जागरूकता और परिवर्तन की आकांक्षा” से जोड़कर देख रहे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण मतदाताओं की लोकतंत्र में गहरी आस्था का प्रमाण बन गया है। सीमांचल से लेकर मध्य बिहार तक, जनता ने मतदान के जरिए अपनी उम्मीदों को स्पष्ट संदेश दिया है।
अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि इस बंपर वोटिंग का राजनीतिक गणित किसके पक्ष में जाएगा।

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