
नई दिल्ली, 5 नवंबर। देश के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट बदल ली है। जहां एक ओर उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है, वहीं दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार देर रात से लेकर मंगलवार, 5 नवंबर तक 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भारी बारिश, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की है।
महाराष्ट्र और गुजरात में भारी बारिश का अलर्ट
IMD के अनुसार, महाराष्ट्र के कोकण, पुणे, नासिक और मराठवाड़ा क्षेत्रों में अगले 24 घंटे तक तेज बारिश और आंधी की संभावना है। वहीं, गुजरात के सौराष्ट्र और दक्षिणी जिलों में भी मध्यम से भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। विभाग ने इन क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
पिछले दो दिनों में अहमदनगर, नंदुरबार और ठाणे जिलों में लगातार बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। कुछ स्थानों पर खेतों में जलभराव होने से किसानों की खरीफ फसलों को भी नुकसान पहुंचने की खबर है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर से उठी नमी और पश्चिमी विक्षोभ के टकराव से यह असामान्य बारिश हो रही है। आमतौर पर नवंबर में महाराष्ट्र और गुजरात में इतनी भारी बारिश नहीं होती, लेकिन इस बार मौसमी परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं।
उत्तराखंड और हिमाचल में बर्फबारी के आसार
उधर, पहाड़ी राज्यों में भी मौसम का रुख बदल गया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। उत्तराखंड के बद्रीनाथ, केदारनाथ और औली क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी के साथ तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
हिमाचल के लाहौल-स्पीति, किन्नौर और मनाली के पास के इलाकों में बर्फ की पहली परत जमने लगी है। मौसम विभाग ने दोनों राज्यों में येलो अलर्ट जारी किया है और यात्रियों से ऊंचाई वाले इलाकों में यात्रा न करने की अपील की है।
पूर्वोत्तर में भारी वर्षा, बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों — मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और नागालैंड में भी अगले दो दिनों तक भारी वर्षा की संभावना है। मेघालय के चेरापूंजी और मावसिनराम में सोमवार को 120 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि त्रिपुरा में भी कई स्थानों पर निचले इलाकों में पानी भर गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वायु यातायात और सड़क परिवहन सेवाएं भी कुछ स्थानों पर प्रभावित हुई हैं।
दिल्ली-एनसीआर में ठंड ने दी दस्तक
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में सोमवार रात तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई। हवा की गति उत्तर-पश्चिम दिशा से बढ़ने के कारण ठंडी हवाएं चल रही हैं।
IMD के मुताबिक, मंगलवार से बुधवार के बीच दिल्ली का न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जो सामान्य से दो डिग्री कम है। बारिश की संभावना भले ही कम हो, लेकिन नमी और सर्द हवाओं का मेल दिल्लीवालों को नवंबर की ठंड का अहसास दिलाएगा।
मौसम वैज्ञानिक आर.के. जेन का कहना है, “दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना कम है, लेकिन उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्द हवाएं तेजी से फैल रही हैं। अगले एक हफ्ते में रात के तापमान में और गिरावट आएगी।”
यूपी-बिहार में ठंड और कोहरे की दोहरी मार
उत्तर प्रदेश और बिहार में भी सर्दी ने दस्तक दे दी है। पूर्वी यूपी के गोरखपुर, वाराणसी और बलिया में सुबह के समय कोहरे की पतली परत देखने को मिली। लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में भी ठंड बढ़ने लगी है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटों में राज्य के पूर्वी हिस्सों में हल्की बारिश और शीतलहर के बढ़ने की संभावना है। बिहार के दरभंगा और पूर्णिया में भी न्यूनतम तापमान 16 डिग्री के करीब पहुंच गया है।
दक्षिण भारत में भी बदल रहा मौसम
दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। चेन्नई और पुदुचेरी में समुद्र के पास तेज हवाएं चल रही हैं।
मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है क्योंकि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में एक नया लो-प्रेशर एरिया बनने की संभावना जताई गई है। इससे अगले सप्ताह तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी
IMD ने स्पष्ट किया है कि इस समय देश में पश्चिमी विक्षोभ, अरब सागर की नमी और बंगाल की खाड़ी के चक्रवाती असर एक साथ सक्रिय हैं। इससे देश के मध्य, पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में असामान्य मौसम परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से अब मौसमी चक्र असंतुलित हो गया है, जिसके कारण नवंबर जैसे महीनों में भी मानसून जैसी स्थितियाँ बन रही हैं।
क्या होगी आगे की स्थिति
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले 72 घंटों तक देश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। इसके बाद मौसम धीरे-धीरे साफ होगा और उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड की शुरुआत हो जाएगी।
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 8 नवंबर के बाद घने कोहरे और शीतलहर का दौर शुरू हो सकता है।
भारत का मौजूदा मौसम एक बार फिर यह संकेत दे रहा है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अब हर मौसम पर पड़ रहा है। जहां दक्षिण और पश्चिमी भारत में बारिश का सिलसिला नवंबर में भी जारी है, वहीं उत्तर भारत में ठंड ने पहले ही दस्तक दे दी है। मौसम विभाग की चेतावनी के बीच सभी राज्यों की सरकारें आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों के लिए सतर्क मोड में आ गई हैं।
आने वाले दिनों में यह बारिश अगर जारी रहती है तो ठंड और बढ़ेगी, जिससे किसानों, यात्रियों और आम नागरिकों — सभी के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं।



