
नई दिल्ली, 3 नवंबर 2025। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की। लगभग 20 मिनट चली इस बैठक में दोनों नेताओं ने राज्य से जुड़ी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, विकास परियोजनाओं, सीमावर्ती सुरक्षा और जनकल्याण नीतियों के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की। बैठक को केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने गृह मंत्री शाह को असम सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष में चलाई गई विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने राज्य में चल रही प्रमुख योजनाओं — जैसे ‘मिशन बासुंधरा’, ‘अरुणोदै योजना’, ‘मिशन अमृत सरोवर’, और सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण — के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विकास परियोजनाओं की समीक्षा
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में असम के सीमा सुरक्षा, शांति स्थापना, और नॉर्थ-ईस्ट रीजन के समग्र विकास पर भी गहन बातचीत हुई। मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि असम में हाल के वर्षों में आंतरिक सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अब स्थायी शांति कायम करने की दिशा में ठोस पहल चल रही है।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में लगभग 700 से अधिक किलोमीटर लंबी सड़कों, नए पुलों, और स्वास्थ्य व शिक्षा संस्थानों के निर्माण को गति दी है। वहीं, गृह मंत्री शाह ने राज्य सरकार की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि “पूर्वोत्तर भारत अब विकास और स्थिरता के नए युग में प्रवेश कर रहा है, जिसमें असम की भूमिका सबसे अहम है।”
सीमावर्ती इलाकों में विशेष ध्यान
बैठक में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़बंदी (Border Fencing) और सीमावर्ती जिलों में नागरिक सुविधाओं को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री शर्मा ने गृह मंत्री को बताया कि सीमा पर अवैध घुसपैठ रोकने के लिए तकनीकी उपकरणों और स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम की तैनाती की जा रही है। इसके साथ ही, सीमावर्ती गांवों में आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र, सड़क संपर्क और शिक्षा संस्थान स्थापित करने के लिए केंद्र से अतिरिक्त सहायता मांगी गई है।
सामाजिक कल्याण पर केंद्रित बातचीत
मुख्यमंत्री शर्मा ने गृह मंत्री शाह को बताया कि राज्य में चल रही ‘अरुणोदै योजना’ के माध्यम से लगभग 27 लाख परिवारों को सीधी आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह योजना गरीब और कमजोर वर्गों की आर्थिक स्थिति सुधारने में ‘गेम चेंजर’ साबित हो रही है। इसके अलावा, ‘मिशन बासुंधरा’ के तहत भूमि से जुड़े मामलों के निपटारे को पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटाइज्ड बनाया गया है।
शर्मा ने यह भी कहा कि असम सरकार महिलाओं और युवाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रही है। राज्य में महिला स्व-सहायता समूहों के लिए नए ऋण और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जबकि युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री उद्यमिता मिशन’ जैसे कार्यक्रम रोजगार सृजन में सहायक बन रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या नियंत्रण पर विमर्श
बैठक के दौरान असम में अवैध प्रवास, जनसंख्या नियंत्रण नीति, और धार्मिक रूपांतरण के मामलों पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि असम में सरकार इन मुद्दों पर “शून्य सहिष्णुता” की नीति अपना रही है। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि असम की पहचान “शांति, संस्कृति और एकता” से जुड़ी है, और इस पहचान को बरकरार रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने गृह मंत्री को भरोसा दिलाया कि असम सरकार केंद्र की ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टि के अनुरूप राज्य को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
असम के विकास को लेकर केंद्र का समर्थन
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री शर्मा को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार असम के विकास के लिए हरसंभव सहायता देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी, सुरक्षा और औद्योगिक प्रगति को प्राथमिकता दी जा रही है। शाह ने कहा,
“असम अब केवल चाय और ब्रह्मपुत्र की धरती नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और निवेश का नया केंद्र बन चुका है।”
विश्लेषण: ‘डबल इंजन सरकार’ के मॉडल की झलक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र और राज्य के बीच नीतिगत तालमेल का संकेत भी देती है। असम में भाजपा की सरकार लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि “डबल इंजन सरकार” का मॉडल ही राज्य के स्थायी विकास का आधार है।
विशेषज्ञों का कहना है कि असम, जो एक समय उग्रवाद और अवैध प्रवास की समस्याओं से जूझता रहा, अब तेजी से निवेश और पर्यटन के केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस परिवर्तन में केंद्र और राज्य की साझेदारी निर्णायक भूमिका निभा रही है।
अमित शाह और हिमंत विश्व शर्मा की यह बैठक पूर्वोत्तर भारत के विकास की दिशा में नीतिगत निरंतरता और राजनीतिक एकजुटता का प्रतीक है। गृह मंत्रालय और असम सरकार दोनों का फोकस अब इस बात पर है कि विकास योजनाओं का लाभ राज्य के सबसे निचले तबके तक पहुँचे और असम ‘विकसित पूर्वोत्तर’ के विज़न को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाए।



