
नई दिल्ली: अक्टूबर के आख़िरी सप्ताह में जहां दक्षिण भारत के कई राज्य भारी बारिश से जूझ रहे हैं, वहीं उत्तर भारत में मौसम करवट लेने लगा है। राजधानी दिल्ली-NCR में गुरुवार सुबह से हल्की ठंडी हवाएं चल रही हैं। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई और सुबह के वक्त हल्की धुंध ने पूरे NCR को ढक लिया। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 24 घंटे में हल्की बारिश की संभावना है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी और सुबह-शाम की ठंड और बढ़ सकती है।
साइक्लोन ‘मोंथा’ बना दक्षिण भारत के लिए मुसीबत
बंगाल की खाड़ी में बना साइक्लोनिक सिस्टम ‘मोंथा’ (Cyclone Montha) धीरे-धीरे दक्षिण भारत की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और रायलसीमा के कई जिलों में बुधवार रात से ही झमाझम बारिश जारी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज यानी 30 अक्टूबर के लिए इन राज्यों में आंधी-तूफ़ान और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं, मछुआरों को अगले दो दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
तमिलनाडु के तटीय इलाकों में 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। चेन्नई, नागपट्टिनम, पुडुचेरी और कुड्डलोर में लाल अलर्ट जारी किया गया है। तेलंगाना के नलगोंडा, खम्मम और वारंगल जिलों में भारी वर्षा की आशंका है, जबकि आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय क्षेत्रों में भी तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
बिजली गिरने और जलभराव से सावधान रहने की चेतावनी
मौसम विभाग ने लोगों को बिजली गिरने, पेड़ों के गिरने और शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाओं से सतर्क रहने की सलाह दी है। नेशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) ने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के संवेदनशील जिलों में टीमों को पहले से तैनात कर दिया है। राज्य सरकारों ने स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने और आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए हैं।
चेन्नई के मेयर आर. प्रिया ने कहा, “हमने सभी निचले इलाकों में पंपिंग स्टेशन सक्रिय कर दिए हैं ताकि जलभराव की स्थिति को रोका जा सके। नागरिकों से अपील है कि अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें।”
उत्तर भारत में सर्द हवाओं का असर दिखना शुरू
दक्षिण भारत में जहां मानसून जैसी बारिश हो रही है, वहीं उत्तर भारत में सर्दी की दस्तक शुरू हो चुकी है।
दिल्ली-NCR, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री नीचे दर्ज किया गया है। दिल्ली में गुरुवार सुबह न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 28 डिग्री के आसपास रहा। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से हल्की धुंध और कोहरे जैसे हालात बन गए हैं।
IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर.के. जेन ने बताया, “उत्तर भारत में ठंडी हवा हिमालयी क्षेत्रों से आ रही है। अगले तीन दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। दिल्ली में हल्की बारिश की संभावना से नमी बढ़ेगी, जिससे कोहरा भी घना हो सकता है।”
बिहार, झारखंड और मध्य भारत में भी बदलेगा मौसम
साइक्लोन मोंथा का असर धीरे-धीरे पूर्व और मध्य भारत की ओर भी बढ़ रहा है। 30 और 31 अक्टूबर को बिहार, झारखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
IMD ने कहा है कि इन राज्यों में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। कुछ जगहों पर बिजली गिरने और ओलावृष्टि की भी संभावना है।
इसके अलावा, 31 अक्टूबर को सब-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी तेज बारिश का पूर्वानुमान है।
गंगटोक और दार्जिलिंग जैसे पहाड़ी इलाकों में मौसम ठंडा और उमस भरा रहेगा, जिससे पर्यटकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
कृषि पर असर — खरीफ फसलें संकट में
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, साइक्लोन मोंथा से हुई भारी बारिश का असर खरीफ फसलों पर पड़ सकता है।
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में धान और मक्का की कटाई के बीच यह बारिश नुकसानदायक साबित हो सकती है।
कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. के. सुब्रमण्यम के मुताबिक, “इस समय खेतों में खड़ी फसलें नमी और तेज हवाओं के प्रति संवेदनशील होती हैं। अगर बारिश 48 घंटे से ज्यादा चली, तो पैदावार पर असर पड़ सकता है।”
सर्दी का शुरुआती संकेत — दिल्ली में हीटर और जैकेट की वापसी
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में मौसम के बदले मिजाज से सर्दियों की आहट साफ महसूस की जा रही है।
लोगों ने सुबह और रात में हल्के स्वेटर, जैकेट और हीटर निकालने शुरू कर दिए हैं।
सड़क किनारे चाय और भुट्टे की दुकानों पर भी भीड़ बढ़ गई है। गाजियाबाद निवासी रवि शर्मा कहते हैं, “पिछले दो दिनों से हवा ठंडी लग रही है। सुबह टहलना मुश्किल हो गया है, लेकिन यही तो असली सर्दी की शुरुआत है।”
अगले 5 दिन — दक्षिण में बारिश, उत्तर में ठंड का दौर
IMD ने अपनी विस्तारित भविष्यवाणी में कहा है कि अगले पांच दिनों तक देश के दक्षिणी हिस्सों में मोंथा के प्रभाव से भारी बारिश जारी रहेगी। वहीं, उत्तर भारत में तापमान लगातार नीचे जाएगा। पहाड़ों में बर्फबारी की संभावना को देखते हुए, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक यह बदलाव “सीज़नल ट्रांजिशन” का हिस्सा है। लेकिन इस बार साइक्लोनिक सिस्टम की वजह से इसका असर कुछ ज्यादा दिख रहा है।



