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Uttarakhand: धामी सरकार का भ्रष्टाचार पर वार: मुख्यमंत्री ने ‘सतर्कता–हमारी साझा जिम्मेदारी’ अभियान का शुभारंभ किया

देहरादून, 27 अक्टूबर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में ‘सतर्कता–हमारी साझा जिम्मेदारी’ थीम पर आधारित राज्यव्यापी जन-जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह विशेष अभियान आगामी राज्य स्थापना दिवस (9 नवम्बर 2025) तक पूरे उत्तराखंड में चलाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दोहराया।


सरदार पटेल की जयंती पर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का संदेश

कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुए कहा कि देश की एकता और अखंडता की जो नींव पटेल जी ने रखी, वही आज एक सशक्त भारत का आधार बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा,

“सरदार पटेल ने अपने जीवन का हर क्षण भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित किया। उनके जन्मदिवस पर यह अभियान भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को पुनः सशक्त करता है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में “नई कार्य संस्कृति” विकसित हुई है, जिसमें पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और जनता की भागीदारी प्रमुख है। प्रधानमंत्री ने केवल भ्रष्टाचार-मुक्त भारत का संकल्प ही नहीं लिया, बल्कि उसे धरातल पर उतारकर दिखाया है।


“भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” — मुख्यमंत्री धामी का दो टूक संदेश

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य गठन के बाद से अब तक सतर्कता विभाग ने 339 भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
पिछले तीन वर्षों में 78 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है, जबकि अन्य 27 मामलों में भी त्वरित कार्रवाई की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा,

“जो भी भ्रष्टाचार करेगा, वह किसी भी कीमत पर नहीं बचेगा। हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। शासन और प्रशासन को पूरी तरह पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाया जा रहा है।”


जनभागीदारी के लिए टोल फ्री नंबर 1064 बना मददगार

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और आम जनता को रिपोर्टिंग का सरल माध्यम देने के लिए टोल फ्री नंबर 1064 संचालित किया जा रहा है।
पिछले तीन वर्षों में इस हेल्पलाइन पर करीब दस हजार शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 62 मामलों में ट्रैप कार्रवाई की गई, जबकि चार मामलों में खुली जांच की प्रक्रिया चलाई गई।

उन्होंने कहा कि यह हेल्पलाइन आम नागरिकों को अपनी बात सीधे सरकार तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम बनी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आग्रह किया कि “इस अभियान का विस्तृत प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आएँ।”


प्रशासन में सत्यनिष्ठा और अनुशासन ही असली शक्ति: मुख्य सचिव

कार्यक्रम में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि किसी भी समाज और प्रशासन की मजबूती का आधार सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन है।

“जब कर्मचारी अपने कार्य के प्रति अनुशासित और ईमानदार होते हैं, तब भ्रष्टाचार स्वतः समाप्त हो जाता है,”
उन्होंने कहा।

मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार-निरोधी तंत्र को मज़बूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।
इसमें डिजिटल मॉनिटरिंग, सतर्कता विभाग की सुदृढ़ता, हेल्पलाइन प्रणाली और संवेदनशील पदों पर नियमित ट्रांसफर जैसी नीतियाँ शामिल हैं।


सतर्कता विभाग की सक्रिय भूमिका

सतर्कता विभाग के निदेशक वी. मुरूगेशन ने बताया कि विभाग ने हाल के वर्षों में अभियानात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। न केवल शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है, बल्कि सरकारी कर्मियों में ईमानदारी की भावना विकसित करने के लिए वर्कशॉप और सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं।

विभाग का उद्देश्य केवल अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की मानसिकता को समाप्त करना है। इस दिशा में कई नई नीतियाँ लागू की जा रही हैं, जिनसे कार्य संस्कृति में सुधार आया है।


भ्रष्टाचार के खिलाफ सामूहिक जनआंदोलन

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की साझा जिम्मेदारी है।

“सतर्कता हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। यह अभियान हर नागरिक को यह संदेश देता है कि ईमानदारी सिर्फ नीति नहीं, बल्कि नैतिक दायित्व है।”

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिकता न रह जाए, बल्कि प्रत्येक विभाग अपने स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाए।
स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और शहरी निकायों के माध्यम से भ्रष्टाचार विरोधी संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जाए।


कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव एल. फैनई, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेशन सहित सचिवगण और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य को भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन की दिशा में आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।


राज्य स्थापना दिवस तक चलेगा जागरूकता अभियान

यह राज्यव्यापी अभियान 9 नवम्बर 2025 — उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस तक लगातार चलाया जाएगा।
इस दौरान विभागीय सेमिनार, जनसभाएँ, निबंध प्रतियोगिताएँ, और डिजिटल माध्यमों पर ‘सतर्कता–हमारी साझा जिम्मेदारी’ थीम को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन है — जो उत्तराखंड को एक पारदर्शी, ईमानदार और जवाबदेह राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा।

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