देशफीचर्ड

अरुणाचल प्रदेश में सुरक्षाबलों और उल्फा (I) उग्रवादियों के बीच मुठभेड़, एक मारा गया — सेना पर हमले से जुड़ा था आतंकी समूह

ईटा नगर: अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में मंगलवार रात सुरक्षाबलों और उल्फा (इंडिपेंडेंट) उग्रवादी संगठन के संदिग्ध कैडरों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस एनकाउंटर में एक उग्रवादी मारा गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मारा गया उग्रवादी उसी समूह से जुड़ा था, जिसने पिछले हफ्ते असम के तिनसुकिया जिले में सेना के कैंप पर हमला किया था।

सूत्रों के अनुसार, यह मुठभेड़ नामसाई पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत 6 माइल इलाके में देर रात हुई। इलाके में गहन तलाशी अभियान अब भी जारी है।


खुफिया इनपुट पर शुरू हुआ ऑपरेशन

मिली जानकारी के मुताबिक, असम रायफल्स को मंगलवार शाम खुफिया सूचना मिली थी कि लेकांग-खांपटी क्षेत्र में 6 से 7 उल्फा (I) उग्रवादी सक्रिय हैं। इस सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया।

जब असम रायफल्स के जवान इलाके में दाखिल हुए, तो उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने भी मोर्चा संभाला। करीब 20 मिनट तक दोनों ओर से गोलीबारी जारी रही, जिसमें एक संदिग्ध उग्रवादी मारा गया, जबकि बाकी जंगल की आड़ लेकर फरार हो गए।

पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से अत्याधुनिक हथियार, कारतूस और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं। मारे गए उग्रवादी की पहचान की प्रक्रिया चल रही है।


तिनसुकिया हमले से जुड़ाव की पुष्टि

पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि नामसाई में मारे गए उग्रवादियों का यह समूह उसी ULFA (I) नेटवर्क का हिस्सा है, जिसने हाल ही में असम के तिनसुकिया जिले में सेना पर हमला किया था। उस हमले में एक जवान घायल हुआ था और सेना ने इलाके में बड़े पैमाने पर कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया था।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि असम-अरुणाचल सीमा क्षेत्र में उल्फा (I) की गतिविधियां पिछले कुछ महीनों में बढ़ी हैं। संगठन लगातार अंतर्राज्यीय सीमाओं का उपयोग कर छिपने और हमले की योजना बनाने की रणनीति अपना रहा है।


ULFA (I) की गतिविधियों में फिर तेजी

ULFA (I) यानी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट), असम के अलगाववादी संगठन का चरमपंथी गुट है, जिसकी अगुवाई परिषद के मुखिया परेश बरुआ कर रहे हैं। बरुआ फिलहाल म्यांमार और चीन की सीमा पर सक्रिय बताए जाते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में संगठन की सक्रियता में कमी आई थी, लेकिन सीमा पार से होने वाली हथियारों की तस्करी और नई भर्ती गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ULFA (I) इन दिनों असम, अरुणाचल और नागालैंड के सीमावर्ती इलाकों में अपनी पकड़ फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।


सुरक्षा बलों ने बढ़ाई निगरानी

इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने नामसाई, चांगलांग, तिरप और तिनसुकिया जिलों में चौकसी और बढ़ा दी है।
असम रायफल्स और अरुणाचल पुलिस ने संयुक्त गश्त शुरू की है, ताकि फरार उग्रवादियों का पता लगाया जा सके।
स्थानीय प्रशासन ने गांवों में सर्च ऑपरेशन के दौरान जनता से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने की अपील की है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —

“हमने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है। शुरुआती सबूतों से संकेत मिलते हैं कि मारे गए उग्रवादी का सीधा संबंध तिनसुकिया हमले से था। बाकी उग्रवादियों की तलाश जारी है।”


सीमा सुरक्षा पर केंद्र की नजर

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस मुठभेड़ की रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार उत्तर–पूर्व में सक्रिय उग्रवादी संगठनों की गतिविधियों पर करीबी नजर रखे हुए है।
हाल ही में केंद्र ने असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमावर्ती चौकियों में हाई–टेक सर्विलांस उपकरण लगाने और अंतर–राज्यीय समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि “ULFA (I) की गतिविधियां अब सीमित इलाकों तक सिमट गई हैं, लेकिन संगठन को पूरी तरह खत्म करने के लिए लगातार ऑपरेशन जारी रहेगा।”


स्थानीय जनजीवन पर असर नहीं

नामसाई प्रशासन के अनुसार, मुठभेड़ के बावजूद स्थानीय जनजीवन सामान्य है। स्कूल, बाजार और दफ्तर खुले हैं, हालांकि सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी तरह के अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अरुणाचल प्रदेश में हुई यह मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि ULFA (I) जैसे संगठन अब भी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और स्थानीय प्रशासन के त्वरित एक्शन ने एक बड़ा हमला टलने से रोक दिया। सुरक्षाबलों की ओर से अब इस पूरे क्षेत्र में ऑपरेशन “क्लीन स्विप” चलाने की तैयारी है, ताकि इन उग्रवादियों की बची हुई गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button