
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर: देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर में दीपावली से पहले ही हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ रही है। वहीं दूसरी ओर दक्षिण भारत के कई राज्यों में अगले सात दिनों तक झमाझम बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार में अगले एक सप्ताह तक लगातार बारिश का दौर जारी रहेगा।
दूसरी तरफ, उत्तर भारत में ठंड की दस्तक के साथ प्रदूषण का स्तर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच चुका है, जिससे दीपावली का उत्सव स्वास्थ्य चिंताओं के बीच मनाया जा रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण का कहर: AQI 333 पहुंचा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में
दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। सोमवार सुबह तक राजधानी का औसत एक्यूआई (AQI) स्तर 333 रिकॉर्ड किया गया — जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रदूषण मुख्य रूप से वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, पराली जलना और पटाखों के प्रारंभिक उपयोग की वजह से बढ़ रहा है।
सर्दी की शुरुआत के साथ हवा की गति कम होने से प्रदूषक तत्व जमीन के पास जमने लगे हैं। यही कारण है कि सुबह और शाम के समय दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में घनी धुंध और स्मॉग की परत देखने को मिल रही है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसी तरह स्थिति बनी रही तो दीपावली और उसके बाद का सप्ताह दिल्ली वालों के लिए और कठिन साबित हो सकता है।
डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा से पीड़ित लोगों को घर से कम निकलने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
साउथ इंडिया में बारिश का नया दौर शुरू
जहां उत्तर भारत में हवा सूख रही है, वहीं दक्षिण भारत के राज्यों में आसमान से पानी बरसने वाला है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में भारी बारिश का दौर चलेगा।
- आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु:
बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) के चलते इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है क्योंकि तटीय इलाकों में तेज हवाएं (40–60 किमी/घं.) चल सकती हैं। - केरल और लक्षद्वीप:
इन राज्यों में आज और कल मूसलाधार बारिश और आंधी-तूफान की आशंका है।
मौसम विभाग ने ‘येलो अलर्ट’ और कुछ जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
बिजली कड़कने और गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है। - कर्नाटक:
दक्षिणी और तटीय कर्नाटक के कई हिस्सों में 20 से 24 अक्टूबर के बीच लगातार बारिश हो सकती है।
जबकि तटीय कर्नाटक में 23 और 24 अक्टूबर को तेज बारिश के साथ गर्जन वाले बादल देखने को मिल सकते हैं।
मध्य भारत में भी बदलेगा मौसम, कुछ इलाकों में बरसेंगे बादल
दक्षिण भारत के साथ-साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
मौसम विभाग ने कहा है कि:
- ओडिशा में 20 और 21 अक्टूबर को हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं।
- पश्चिमी मध्य प्रदेश में 20 से 22 अक्टूबर के बीच गरज-चमक के साथ हल्की बारिश संभव है।
- छत्तीसगढ़ में 22 अक्टूबर के आसपास बिजली कड़कने और हल्की फुहारों की संभावना जताई गई है।
यह बारिश उत्तरी राज्यों में ठंड की शुरुआत को और तेज कर सकती है, जिससे आने वाले दिनों में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
दक्षिण के बाद उत्तर भारत पर भी असर की संभावना
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, दक्षिण भारत में सक्रिय सिस्टम का असर मध्य भारत के रास्ते धीरे-धीरे उत्तर भारत की ओर बढ़ सकता है।
यदि बंगाल की खाड़ी में बना यह लो-प्रेशर सिस्टम मजबूत हुआ तो अगले सप्ताह तक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी बारिश हो सकती है।
इससे दिल्ली-एनसीआर के मौसम में भी हल्का बदलाव संभव है, जिससे प्रदूषण की परत अस्थायी रूप से घट सकती है, हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि यह राहत बहुत अल्पकालिक होगी।
दिवाली पर दोहरी चुनौती: उत्सव बनाम प्रदूषण
इस साल दीपावली से पहले दिल्ली-एनसीआर के लोगों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
एक तरफ त्योहार की रौनक है, दूसरी ओर प्रदूषण का दम घोंटने वाला असर।
सरकार और प्रशासन ने कई क्षेत्रों में पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया है, साथ ही निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली सरकार की ‘ग्रैप’ (Graded Response Action Plan) के तहत कई सख्त कदम उठाए गए हैं—
- डीज़ल वाहनों की निगरानी,
- निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण,
- सड़कों पर पानी का छिड़काव,
- औद्योगिक इकाइयों पर जांच अभियान।
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक स्रोतों पर कड़ा नियंत्रण और जनसहभागिता नहीं बढ़ेगी, तब तक यह समस्या हर सर्दी में दोहराई जाएगी।
आगे का अनुमान: प्रदूषण और बारिश दोनों से सावधानी जरूरी
अगले सात दिनों तक देश में दो विपरीत मौसम परिस्थितियां रहेंगी—
उत्तर भारत में प्रदूषण और ठंड बढ़ेगी, जबकि दक्षिण भारत में भारी बारिश और तूफानी हवाएं परेशानी बन सकती हैं।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि
- उत्तर भारत में रहने वाले लोग मास्क पहनें, सुबह-सुबह व्यायाम से बचें।
- दक्षिण भारत के लोग समुद्र तटीय इलाकों से दूर रहें और बारिश के दौरान बिजली की कड़क से सावधान रहें।
एक देश, दो मौसम—उत्तर में धुआं, दक्षिण में पानी
अक्टूबर का यह तीसरा सप्ताह देश के दो बिल्कुल विपरीत मौसम का गवाह बनेगा। दिल्ली और उत्तर भारत प्रदूषण की मार झेलेंगे, जबकि दक्षिण भारत के कई राज्य लगातार बारिश से जलभराव और यातायात बाधा जैसी चुनौतियों का सामना करेंगे।
ऐसे में मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान देना जरूरी है—“जहां एक ओर हवा से बचाव जरूरी है, वहीं दूसरी ओर पानी से सावधानी अनिवार्य।”