
देहरादून। दीपावली के अवसर पर जहां देशभर में रौनक का माहौल है, वहीं उत्तराखंड सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट मोड में आ गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और चिकित्सा अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि त्योहारों के दौरान चौबीसों घंटे (24×7) सभी स्वास्थ्य सेवाएँ पूरी तरह सक्रिय और सतर्क रहें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दीपावली और इगास जैसे पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का समय भी हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति — चाहे आगजनी, सड़क हादसे या पटाखों से जलने की घटनाएँ हों — का तुरंत और प्रभावी ढंग से सामना किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी अस्पतालों, एम्बुलेंस सेवाओं, ट्रॉमा सेंटरों और बर्न यूनिट्स को पूर्ण सक्रिय रखा गया है।
राज्यभर में पर्याप्त चिकित्सा कर्मियों की ड्यूटी, आवश्यक दवाओं व उपकरणों का भंडारण, और ब्लड बैंकों की कार्यशीलता सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने कहा —
“जनसुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। दीपावली के दौरान किसी भी नागरिक को स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में कठिनाई नहीं होनी चाहिए। सभी जिलाधिकारी और चिकित्सा अधिकारी तैयारियों की नियमित समीक्षा करें।”
मुख्यमंत्री ने साथ ही नागरिकों से अपील की कि वे उत्सव जिम्मेदारी से मनाएं, आतिशबाज़ी में सावधानी बरतें और सुरक्षा नियमों का पालन अवश्य करें।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलों को किया अलर्ट
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने पर्वों के दौरान राज्यभर के जिला प्रशासन और स्वास्थ्य संस्थानों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि दीपावली और इगास पर्वों पर भीड़भाड़, आतिशबाजी और ट्रैफिक बढ़ने के कारण आकस्मिक घटनाओं की आशंका रहती है, इसलिए सभी अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर और नियंत्रण कक्ष 24×7 क्रियाशील रहेंगे।
जारी परिपत्र में निर्देश दिया गया है कि:
- 108 नेशनल एम्बुलेंस सेवा को सतत निगरानी में रखा जाए।
- जिला नियंत्रण कक्ष और आपातकालीन वार्डों में पर्याप्त डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी तय की जाए।
- मोबाइल मेडिकल यूनिट्स को भीड़भाड़ वाले इलाकों — जैसे बस अड्डे, रेलवे स्टेशन और बाजारों — में तैनात किया जाए।
डॉ. कुमार ने कहा,
“त्योहारों के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ज़िम्मेदारी केवल इलाज देना नहीं बल्कि समय पर राहत और रोकथाम सुनिश्चित करना भी है। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध हो।”
आपात सेवाओं पर विशेष निगरानी, इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय पर जोर
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए अग्निशमन, पुलिस, परिवहन और स्वास्थ्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाए।
सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों में स्वास्थ्य संस्थानों की तैयारियों की समीक्षा करें और यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था करें। स्वास्थ्य विभाग की टीमें पर्वों के दौरान मुख्य बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर मेडिकल रेस्पॉन्स पॉइंट्स (MRPs) भी स्थापित करेंगी।
इन केंद्रों पर प्राथमिक उपचार से लेकर एम्बुलेंस समन्वय तक की सुविधा दी जाएगी।
सतर्कता और जागरूकता — दोनों समान रूप से आवश्यक
डॉ. कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रशासनिक तैयारी के साथ-साथ जनजागरूकता अभियान भी चला रहा है।
स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया और सामुदायिक नेटवर्क्स के माध्यम से लोगों को सुरक्षित पर्व मनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नागरिकों से अपील की गई है कि:
- आतिशबाज़ी सीमित मात्रा में और खुले स्थान पर करें,
- विद्युत उपकरणों का प्रयोग सावधानी से करें,
- जलने या किसी दुर्घटना की स्थिति में तुरंत 108 हेल्पलाइन से संपर्क करें।
त्योहारों के दौरान अस्पतालों और बर्न यूनिट्स की विशेष तैयारियाँ
राज्य के सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दीपावली और इगास के दौरान बर्न यूनिट्स और इमरजेंसी वार्ड्स को 24 घंटे सक्रिय रखा गया है। देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों को विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ऑक्सीजन प्लांट, ब्लड बैंक और फार्मेसी यूनिट्स की कार्यशीलता पर विशेष निगरानी की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा —
“किसी भी आपात स्थिति में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर जिला अस्पताल में नोडल अधिकारी नामित किया गया है जो पर्व अवधि में आपात प्रतिक्रिया की निगरानी करेगा।”
“सुरक्षा और स्वास्थ्य, दोनों हमारी साझा जिम्मेदारी”
मुख्यमंत्री धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि सार्वजनिक सेवा की भावना के साथ सक्रिय किया है।
डॉ. रावत ने कहा कि सभी स्वास्थ्य इकाइयाँ अपने स्तर पर तैयार हैं और त्योहारों के दौरान भी डॉक्टरों व कर्मियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य के हर नागरिक को “सुरक्षित दीपावली” का अनुभव दिलाना ही लक्ष्य है।
नागरिकों के लिए अपील — “सावधानी ही सुरक्षा है”
स्वास्थ्य विभाग ने राज्यवासियों से अपील की है कि दीपावली और इगास जैसे पर्वों को उत्साह के साथ लेकिन जिम्मेदारी से मनाएँ।
- आतिशबाज़ी करते समय बच्चों पर निगरानी रखें,
- सड़क पर गाड़ियों की गति सीमित रखें,
- और किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में निकटतम अस्पताल या 108 सेवा से तुरंत संपर्क करें।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा,
“सरकार की तैयारियाँ तभी सफल होंगी, जब नागरिक भी अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाएँ। हमारा उद्देश्य है कि हर परिवार का दीपक मुस्कुराहट से जले, न कि लापरवाही की वजह से आँसुओं से।”
दीपावली का पर्व खुशियों, रौशनी और एकता का प्रतीक है — और उत्तराखंड सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यह पर्व हर परिवार के लिए सुरक्षित और स्वस्थ अनुभव बने। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की यह तत्परता न केवल प्रशासनिक प्रतिबद्धता दिखाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राज्य सरकार “जनकल्याण” को अपने शासन का केंद्र मानती है। जब पर्व की रोशनी चारों ओर फैलेगी, तब यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि किसी भी आकस्मिक अंधेरे में मदद की रोशनी हमेशा जलती रहे।