
जैसलमेर (राजस्थान): राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। जिले के पोकरण के पास चल रही एक निजी बस में अचानक आग लग गई, जिससे पूरा इलाका चीख-पुकार से गूंज उठा। बस में सवार करीब 20 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई यात्री गंभीर रूप से झुलस गए। बस की आग इतनी भयानक थी कि कई यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल पाया। पुलिस, दमकल और प्रशासन की टीमों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक कई जिंदगियां लपटों में समा चुकी थीं।
कैसे लगी बस में आग — चंद मिनटों में बदल गया सबकुछ
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह बस जैसलमेर से जोधपुर की ओर जा रही थी। बस में सवार यात्री अधिकतर कामकाजी लोग और कुछ परिवार के सदस्य थे जो अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए थे। अचानक रास्ते में बस के इंजन से धुआं निकलने लगा। ड्राइवर ने बस रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही सेकंड में आग ने पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, “आग इतनी तेज थी कि हम लोग पास तक नहीं जा पा रहे थे, बस कुछ ही मिनटों में बस जलकर राख हो गई।”
दमकल विभाग की दो गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं, लेकिन आग पर काबू पाने में उन्हें करीब आधा घंटा लग गया। जब तक आग बुझाई गई, बस पूरी तरह खाक हो चुकी थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया शोक, कहा – अत्यंत पीड़ादायक घटना
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“जैसलमेर, राजस्थान में एक बस में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मैं शोक-संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
राष्ट्रपति के इस संदेश के बाद देशभर से इस घटना पर संवेदनाएँ व्यक्त की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख, राहत राशि का किया ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और इसे “दिल दहला देने वाली त्रासदी” बताया।
पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया,
“राजस्थान के जैसलमेर में हुए हादसे में हुई जान-माल की हानि से व्यथित हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएँ प्रभावित परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मुआवजा देने की घोषणा की —
- मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
- घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मौके पर पहुंचे, दिए जांच के आदेश
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,
“जैसलमेर में बस में लगी आग की घटना अत्यंत हृदयविदारक है। इस दुखद हादसे से प्रभावित नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। संबंधित अधिकारियों को घायलों के समुचित उपचार एवं प्रभावितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।”
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को तुरंत घटनास्थल की जांच करने और हादसे के कारणों का पता लगाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है और उन्हें हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। सीएम खुद घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्यों की समीक्षा की।
अधिकारियों की तत्परता और राहत कार्य
जैसलमेर के कलेक्टर टीना डाबी और एसपी विकास सांगवान ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
दमकलकर्मी और स्थानीय पुलिस की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रशासन ने तुरंत राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां घायलों का इलाज चल रहा है। जोधपुर और बाड़मेर से भी एम्बुलेंस और मेडिकल टीमें भेजी गईं।
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों की पहचान शुरू कर दी है और उनके परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, कई शव जलने की वजह से पहचान से बाहर हो गए हैं, इसलिए DNA परीक्षण कराया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर से राज्य की सड़कों पर चलने वाले निजी बसों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों ने इसे “लापरवाही का नतीजा” बताते हुए राज्य सरकार से सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग की है। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि बसों में नियमित फिटनेस जांच और आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं होने से ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं।
स्थानीय लोगों में शोक और आक्रोश
घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है। मृतकों के घरों में कोहराम मचा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रशासन को बसों की सुरक्षा जांच नियमित रूप से करनी चाहिए थी। कई लोगों ने सरकार से मांग की है कि बस मालिकों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रारंभिक जांच में क्या सामने आया
पुलिस और फॉरेंसिक टीम की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आग बस के इंजन सेक्शन से शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। बस में फायर सेफ्टी उपकरण भी मौजूद नहीं थे। फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आग कैसे फैली और क्या बस में कोई ज्वलनशील पदार्थ रखा हुआ था।
जैसलमेर की यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्थाओं की विफलता का प्रतीक बन गई है। 20 परिवारों की दुनिया उजड़ गई, अनगिनत लोग घायल और सदमे में हैं। अब सभी की निगाहें प्रशासनिक जांच पर टिकी हैं — ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों।